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मैडम ! यह सवाल तो संस्कृत की किताब में ही नहीं..

 जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शनिवार को नगर के कई परिषदीय स्कूलों में बच्चे द्वितीय पाली का प्रश्नपत्र देख कर चौंक गए। हाथ में विज्ञान का प्रश्न पत्र था। कई बच्चे तो शिक्षकों से कह बैठे मैडम यह पेपर गलत है? हमारी संस्कृत की किताब में यह सवाल ही नहीं हैं?
शिक्षकों ने जब पेपर देख कर एनपीआरसी और बीएसए को फोन मिलाया तो पता चला कि यही पेपर हैं। स्कीम पहले ही बदली जा चुकी है। ऐसे में शिक्षक हैरान रह गए। बच्चों को बगैर पढ़े पेपर हल करना पड़ा।
बीएसए दफ्तर द्वारा इस बार स्कीम में बार-बार फेरबदल किया गया। इसके चलते कई शिक्षकों के पास में स्कीम नहीं पहुंची। विभाग के द्वारा प्रश्नपत्रों का वितरण सोमवार शाम को किया गया, तब कई शिक्षकों को पता चला कि प्रश्नपत्र बदल गया है। शिक्षकों ने इस संबंध में एनपीआरसी से बात भी की तो एनपीआरसी ने स्कीम बदलने की जानकारी दी। शिक्षकों ने कहा नई स्कीम उनके पास तो पहुंची ही नहीं, इस पर विभाग से कहा गया कि शिक्षकों की गलती है। नतीजा बच्चों को भुगतना पड़ा। कक्षा एक से आठ तक कई स्कूलों में यह हालत रही कि बच्चे संस्कृत के प्रश्नपत्र की तैयारी करके आए थे तथा विज्ञान की परीक्षा देनी पड़ी। शिक्षकों का कहना है कि कुछ ही प्रश्नपत्र दिए गए हैं, इसके बाद में प्रश्नपत्र कब मिलेंगे। इसकी भी जानकारी विभाग ने नहीं दी।
प्रश्नपत्र छपने में देरी पर बदलनी पड़ी स्कीम :
सूत्रों की माने तो स्कीम में ऐन वक्त पर फेरबदल छात्र हित में नहीं, बल्कि प्रश्नपत्र छापने वाली फर्म द्वारा पेपर न छापने के कारण ही किया गया है। इस फेरबदल को करने के बाद वक्त पर शिक्षकों को सूचना भी नहीं भेजी जा सकी। माना जा रहा है इसी वजह से परीक्षा आगे बढ़ानी पड़ी। सूत्र तो यहां तक कहते हैं कि प्रश्नपत्र छपवाने को लेकर विभागीय कार्यप्रणाली शुरू से संदेहास्पद रही है। जहां कई जिलों में प्रश्नपत्र वितरण के टेंडर निकाले गए, वहां जिले में प्रश्नपत्र वितरण का काम बगैर टेंडर ही दिया गया। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रश्नपत्र की छपाई गोपनीय होती है ऐसे में इसका टेंडर नहीं उठता है। पड़ोसी जिलों में कैसे टेंडर उठ गए हैं। इस संबंध में विभाग पर भी कोई जवाब नहीं।
कई लिफाफों में अधूरे निकले पेपर :
वहीं प्रश्नपत्रों को छापने के बाद पै¨कग में अनियमितता सामने आई है। एका के खड़ीत में सुबह की पाली में कक्षा छह का ¨हदी का पेपर नहीं निकला है। वहीं मिलावली में कक्षा चार के बच्चों का ¨हदी का प्रश्नपत्र नहीं मिला।
'स्कीम में तीन दिन पहले ही बदलाव किया गया था। इस स्कीम को शिक्षकों को भेज दिया था। पेपर स्कीम के हिसाब से हुए हैं। हमसे किसी शिक्षक ने शिकायत नहीं की। अगर बच्चों को जानकारी नहीं है तो यह शिक्षकों की गलती है।'
-डॉ.सच्चिदानंद यादव

जिला बेसिक शिक्षाधिकारील
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