जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम द्वारा तैयार
फर्जी डिग्रीधारकों की सूची की जांच शुरु होते ही जिले में भी ऐसे शिक्षकों
के चेहरों से नकाब उतरने लगा है, जो इन फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी कर
रहे हैं। मंगलवार शाम तक हुई जांच में करीब डेढ़ दर्जन शिक्षक ऐसे मिल गए
हैं, इनमें कई महिलाएं भी है।
हालांकि विभाग अभी इनके नाम का खुलासा नहीं कर रहा है तो जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या सौ के पार निकलने की संभावना भी जताई जा रही है।
सोमवार को एडी बेसिक दफ्तर से सीडी फीरोजाबाद में आई थी। इसके बाद विभाग ने जिले में तैनात उन शिक्षकों की फाइलें खोजना शुरू कर दी, जिन्होंने सत्र 2004-05 के अभिलेखों के आधार पर नौकरी प्राप्त की। मंगलवार को भी इस काम में ब्लॉक स्तर पर तैनात बिल बाबू जुटे रहे। इसके बाद में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ.सच्चिदानंद यादव ने अपने सामने इन फाइलों में दर्ज अभिलेखों की एसआइटी की सूची से मिलान कराया तो शाम सात बजे तक 18 शिक्षक ऐसे मिल गए हैं। जिनकी डिग्री को एसआइटी ने फर्जी बताया है। विभाग इनके नाम अभी तक गुप्त रखे हुए है। इस संबंध में बीएसए डॉ.सच्चिदानंद यादव का कहना है कि अभी जांच चल रही है। तीन स्तर पर जांच कराई जा रही है। अभी कई फाइल बाकी हैं। जांच पूरी होने के बाद में शासन को नाम सहित सूची भेजी जाएगी।
अभी भी बचने की जुगाड़ लगा रहे हैं शिक्षक :
इधर एसआइटी की जांच से ¨चता में आए कई शिक्षकों ने अभी से पैरवी की तैयारी शुरू कर दी है। इनके द्वारा कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है। शिक्षकों का कहना है उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया था। अब कॉलेज को मान्यता थी या नहीं? यह उन्हें क्या पता। उन्हें तो बाकायदा डिग्री मिली थी।
कई शिक्षक करा ले गए हैं स्थानांतरण :
विभागीय सूत्रों की माने तो फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले कई शिक्षक-शिक्षिकाएं जिले से अपना स्थानांतरण करा ले गए हैं, लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो उनका बचना मुश्किल नहीं है, क्योंकि प्रदेश के सभी जिलों में यह सीडी भेजी गई है। ऐसे में वह जहां भी नौकरी कर रहे होंगे। जांच में पकड़ में आ जाएंगे।
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हालांकि विभाग अभी इनके नाम का खुलासा नहीं कर रहा है तो जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या सौ के पार निकलने की संभावना भी जताई जा रही है।
सोमवार को एडी बेसिक दफ्तर से सीडी फीरोजाबाद में आई थी। इसके बाद विभाग ने जिले में तैनात उन शिक्षकों की फाइलें खोजना शुरू कर दी, जिन्होंने सत्र 2004-05 के अभिलेखों के आधार पर नौकरी प्राप्त की। मंगलवार को भी इस काम में ब्लॉक स्तर पर तैनात बिल बाबू जुटे रहे। इसके बाद में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ.सच्चिदानंद यादव ने अपने सामने इन फाइलों में दर्ज अभिलेखों की एसआइटी की सूची से मिलान कराया तो शाम सात बजे तक 18 शिक्षक ऐसे मिल गए हैं। जिनकी डिग्री को एसआइटी ने फर्जी बताया है। विभाग इनके नाम अभी तक गुप्त रखे हुए है। इस संबंध में बीएसए डॉ.सच्चिदानंद यादव का कहना है कि अभी जांच चल रही है। तीन स्तर पर जांच कराई जा रही है। अभी कई फाइल बाकी हैं। जांच पूरी होने के बाद में शासन को नाम सहित सूची भेजी जाएगी।
अभी भी बचने की जुगाड़ लगा रहे हैं शिक्षक :
इधर एसआइटी की जांच से ¨चता में आए कई शिक्षकों ने अभी से पैरवी की तैयारी शुरू कर दी है। इनके द्वारा कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है। शिक्षकों का कहना है उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया था। अब कॉलेज को मान्यता थी या नहीं? यह उन्हें क्या पता। उन्हें तो बाकायदा डिग्री मिली थी।
कई शिक्षक करा ले गए हैं स्थानांतरण :
विभागीय सूत्रों की माने तो फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले कई शिक्षक-शिक्षिकाएं जिले से अपना स्थानांतरण करा ले गए हैं, लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो उनका बचना मुश्किल नहीं है, क्योंकि प्रदेश के सभी जिलों में यह सीडी भेजी गई है। ऐसे में वह जहां भी नौकरी कर रहे होंगे। जांच में पकड़ में आ जाएंगे।
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