प्रतापगढ़ (ब्यूरो)- शिक्षामित्रों का सर्वोच्च
न्यायालय द्वारा शिक्षक पद पर हुए समायोजन पर उच्चन्यायालय की पूर्ण पीठ के
आदेश की बहाली के पश्चात समायोजन को निरस्त करने के फैसले के परिणाम
स्वरूप प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के क्रम में शिक्षामित्रों को
मूल विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करने के लिए मंगलवार को आदेश जारी कर
दिए गए है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बी एन सिंह ने जनपद के खण्ड शिक्षाधिकारियों को जारी अपने निर्देश में ऐसे सभी शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय के लिए कार्यमुक्त किये जाने को कहा है जो समायोजन आदेश के तहत अन्य विद्यालयों या विकास खण्डों में कार्यभार ग्रहण किए है।
बीएसए ने कहा है कि शिक्षा मित्रों को उनके मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण के पश्चात ही मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
बता दें की प्रदेश सरकार ने 20सितम्बर 2017 को जारी शासनादेश संख्या 1928/79-5-2017-282/98 के तहत शिक्षामित्रों को मूल पद पर वापस किये जाने का आदेश जारी करते हुए वर्ष में सिर्फ ग्यारह महीने 10000 मानदेय के भुकतान पर मुहर लगा दी है। सरकार के इस शासनादेश के फलस्वरूप उन्हें मानदेय का भुगतान अब समायोजित विद्यालय से नहीं बल्कि समायोजन के पूर्व शिक्षामित्र पद पर तैनाती वाले विद्यालयों से ही किया जाएगा।
बीएसए बी एन सिंह ने कहा है कि शिक्षामित्रों के अध्यापक पद पर समायोजन को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने व 20 सितम्बर 2017 को प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के क्रम में समायोजित शिक्षको को शिक्षामित्र पद पर प्रत्यावर्तित किया जा चुका है ऐसी दशा में उन्हें मानदेय मूलपद पर मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण के पश्चात ही संभव होगा। बीएसए ने जारी अपने निर्देश में सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शिक्षामित्रों को मूल विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करने हेतु समायोजित विद्यालयों से कार्यमुक्त किये जान की स्थिति में इस बात का ध्यान रखे कि उनकी माह अगस्त,सितम्बर व अक्टूबर 2017 में विद्यालय में अनुपस्थित/अवकाश की आख्या के साथ उन्हें उनके मूल विद्यालय के लिए कार्य मुक्त करेंगे |
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बी एन सिंह ने जनपद के खण्ड शिक्षाधिकारियों को जारी अपने निर्देश में ऐसे सभी शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय के लिए कार्यमुक्त किये जाने को कहा है जो समायोजन आदेश के तहत अन्य विद्यालयों या विकास खण्डों में कार्यभार ग्रहण किए है।
बीएसए ने कहा है कि शिक्षा मित्रों को उनके मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण के पश्चात ही मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
बता दें की प्रदेश सरकार ने 20सितम्बर 2017 को जारी शासनादेश संख्या 1928/79-5-2017-282/98 के तहत शिक्षामित्रों को मूल पद पर वापस किये जाने का आदेश जारी करते हुए वर्ष में सिर्फ ग्यारह महीने 10000 मानदेय के भुकतान पर मुहर लगा दी है। सरकार के इस शासनादेश के फलस्वरूप उन्हें मानदेय का भुगतान अब समायोजित विद्यालय से नहीं बल्कि समायोजन के पूर्व शिक्षामित्र पद पर तैनाती वाले विद्यालयों से ही किया जाएगा।
बीएसए बी एन सिंह ने कहा है कि शिक्षामित्रों के अध्यापक पद पर समायोजन को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने व 20 सितम्बर 2017 को प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के क्रम में समायोजित शिक्षको को शिक्षामित्र पद पर प्रत्यावर्तित किया जा चुका है ऐसी दशा में उन्हें मानदेय मूलपद पर मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण के पश्चात ही संभव होगा। बीएसए ने जारी अपने निर्देश में सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शिक्षामित्रों को मूल विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करने हेतु समायोजित विद्यालयों से कार्यमुक्त किये जान की स्थिति में इस बात का ध्यान रखे कि उनकी माह अगस्त,सितम्बर व अक्टूबर 2017 में विद्यालय में अनुपस्थित/अवकाश की आख्या के साथ उन्हें उनके मूल विद्यालय के लिए कार्य मुक्त करेंगे |
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines