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TGT-PGT प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन में पहले आक्रोश फिर जश्न

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ठप होने से शुक्रवार को प्रतियोगी छात्र आंदोलित हो उठे। चयन बोर्ड कार्यालय पर एकत्रित होकर खूब नारेबाजी की, शाम को बोर्ड के पुनर्गठन का शासन से विज्ञापन जारी होने के साथ ही आंदोलनकारियों का पारा लुढ़क गया।
विरोध अचानक ही अपने आंदोलन की जीत और जश्न में तब्दील हो गया। 1गौरतलब है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से ठप पड़े थे। महीनों से विभिन्न विभागों में भर्तियां रुकी थी। आयोगों के विलय का इंतजार करते-करते प्रतियोगी छात्रों का सब्र जवाब देने लगा। छात्रों ने सामूहिक रूप से विरोध करने की रणनीति बनाकर 25 अक्टूबर को जिलाधिकारी के माध्यम से अपने आंदोलन की सूचना प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजी। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को चयन बोर्ड कार्यालय पर सैकड़ों प्रतियोगी छात्र पहुंच गए। इसमें माध्यमिक शिक्षा प्रतियोगी मोर्चा, बीएड उत्थान मोर्चा आदि संगठन के बैनर तले अनशन शुरू कर दिया। चयन प्रक्रिया बाधित बताकर निराशा जाहिर करते हुए सरकार को खूब कोसा। माध्यमिक शिक्षा प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक विक्की खान, अनिल कुमार पाल और बीएड उत्थान मोर्चा के अध्यक्ष अनिल सिंह के नेतृत्व में प्रतियोगी छात्रों ने अपना गुस्सा सरकार पर उतारा। कहा कि सरकार ने बोर्ड और आयोग के विलय की बात कहते हुए अध्यक्ष व सदस्यों से इस्तीफा ले लिया और नए आयोग का गठन नहीं किया। इससे भर्तियां ठप हैं और प्रतियोगी छात्र निराश हैं। छात्र पवन गुप्ता ने भी नाराजगी जताई। इस बीच छात्रों का आक्रोश उनके सरकार विरोधी नारों में दिखा लेकिन, शाम को आंदोलनकारियों को जब यह पता चला कि सरकार ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है तो अनशन और धरना प्रदर्शन ने जश्न का रूप ले लिया। खुशी जताते हुए छात्रों ने इसे छात्र शक्ति की जीत बताया।

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