प्रदेश के शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के कारण हजारों
शिक्षामित्रों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं, परिषद की
ओर से नियुक्त 25 हजार शिक्षामित्रों को पिछले सात माह से मानदेय नहीं मिला
है।
इससे सभी परेशान हैं। अवसाद में आकर शिक्षामित्रों की
मौतों का सिलसिला जारी है, अफसर इस ओर गंभीर नहीं है। वहीं, उत्तराखंड में
योग्य शिक्षामित्रों को समायोजित कर गैर टीईटी क्वालीफाई लोगों को दो वर्ष
का अवसर दिया गया है जबकि यूपी में ठीक इसके विपरीत कार्य किया जा रहा है।
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश के अध्यक्ष जितेंद्र शाही
का कहना है कि शिक्षामित्र साथी स्नातक परास्नातक प्रशिक्षित योग्य हैं
परिषदीय शिक्षा व्यवस्था को पिछले 17 वषों से मजबूत बनाने का कार्य किए हैं
सरकार अगर जल्द इनके बारे में निर्णय नहीं लेती है तो स्थिति और भयानक
होगी। वित्त विभाग को परिषद के शिक्षामित्रों की सूची ना मिलने के कारण सात
माह से उन्हें मानदेय नहीं मिला है। शाही ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस
गंभीर समस्या की तरफ आकर्षित कराते हुए जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है।
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