चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2013 के लिए 30 जनवरी 2014
तक आवेदन मांगे थे। टीजीटी गणित के 1036 पदों के लिए लिखित परीक्षा एक
फरवरी 2015 को कराई गई थी। इसके लिए 52072 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
साक्षात्कार के बाद 31 जनवरी 2017 को चयनित अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित
हुआ। अंतिम परिणाम में 804 अभ्यर्थी चयनित हुए थे लेकिन परिणाम से असंतुष्ट
हरिनंदन सिंह, धर्मेन्द्र मोहन मिश्रा आदि ने हाईकोर्ट में सात प्रश्नों
के उत्तर को चुनौती दे दी। कोर्ट ने विवादित सातों प्रश्नों पर विषय
विशेषज्ञों की रिपोर्ट लेकर जवाब दाखिल करने के लिए छह मार्च 2017 को चयन
बोर्ड को निर्देशित किया।
विषय विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में
चार प्रश्नों के उत्तर संशोधित कर दिया है। चयन बोर्ड ने हाईकोर्ट में अपना
जवाब भी दाखिल कर दिया है। याचिका करने वाले अभ्यर्थी अब हाईकोर्ट के आदेश
का इंतजार कर रहे हैं।
100 से अधिक चयनित शिक्षकों की नौकरी पर संकट
टीजीटी
गणित 2013 के चार प्रश्नों के उत्तर गलत होने के कारण 100 से अधिक चयनित
शिक्षक प्रभावित होंगे। चयन बोर्ड ने मार्च 2017 में ही पैनल जारी कर दिया
था और चयनित 804 अभ्यर्थी तब से विभिन्न एडेड कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। अब
तकरीबन सालभर बाद शिक्षकों की नौकरी पर संकट में पड़ती नजर आ रही है। चार
प्रश्न का उत्तर बदलने से लिखित परीक्षा के परिणाम में अधिकतम 13.6 नंबर का
हेरफेर होगा क्योंकि एक प्रश्न 3.4 नंबर का था। इसके चलते कई चयनित
अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे जबकि पूर्व में असफल रहे कई अभ्यर्थी पास हो
जाएंगे। परिणाम संशोधन के बाद चयनित अभ्यर्थियों का नये सिरे से
साक्षात्कार होगा। चयन बोर्ड ने बुकलेट सीरीज 'ए' के प्रश्न संख्या 8, 52,
60 व 80 के उत्तर क्रमश: सी, एफ, सी व डी को सही माना था लेकिन विषय
विशेषज्ञों की रिपोर्ट में क्रमश: एफ, बी, एफ व सी को सही ठहराया है।
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