आजमगढ़ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश बेसिक परिषद द्वारा 15,000 सहायक शिक्षक
भर्ती में फर्जी शैक्षिक अंक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे आजमगढ़
के 13 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है।
साथ ही वित्त एवं
लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा एवं संबंधित खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित
किया गया है कि संबंधित सहायक अध्यापकों द्वारा आहरित की गई धनराशि की
रिकवरी कराना सुनिश्चित करें। सभी के द्वारा प्रस्तुत फर्जी शैक्षिक प्रमाण
पत्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के थे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि नियुक्ति
के उपरांत विभागीय निर्देशों के अनुपालन में काउंसिङ्क्षलग के समय प्रस्तुत
किए गए शैक्षिक अंक पत्रों के सत्यापन के लिए तीन सितंबर 2016 को कुल सचिव
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को पत्र प्रेषित किया गया था, जहां से
सत्यापन रिपोर्ट 28 फरवरी 2017 को कार्यालय को भेजी गई। सत्यापन रिपोर्ट के
परीक्षण कराया गया जिसमें वर्ष, परीक्षा एवं अनुक्रमांक सत्यापन विवरण
मेें फर्जी उल्लिखित है। ऐसे में कूटरचित व तथ्य को छिपाते हुए शैक्षिक
अंकपत्र व प्रमाण पत्र तैयार कर 15000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया
में धोखाधड़ी से चयन व नियुक्ति प्राप्त करके सहायक अध्यापक पद पर कार्यभार
ग्रहण कर लिया गया। इस संबंध में संबंधित को चार दिसंबर 2017 को कारण बताओ
नोटिस जारी किया गया था। यह भी निर्देशित किया गया था कि बीएसए कार्यालय
में 14 दिसंबर को स्वयं उपस्थित होकर पक्ष रखें लेकिन उपस्थित नहीं हुए।
यही नहीं डाक से जो स्पष्टीकरण भेजा गया, उसमें विश्वविद्यालय की ही
लिपिकीय त्रुटि बताई गई।
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