देवरिया: परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के दावे खोखले साबित हो रहे
हैं। बच्चों का नामांकन करने, समय से विद्यालय खोलने व पठन-पाठन व्यवस्था
चुस्त-दुरुस्त करने की कोशिशों पर जिम्मेदार पानी फेर रहे हैं।
सोमवार को
न्याय पंचायत प्रभारी द्वारा गौरीबाजार का प्राथमिक विद्यालय नगरौली की
जांच की गई, जिसमें विद्यालय बंद मिला। इससे नाराज बीएसए ने प्रधानाध्यापक
मंजू ¨सह को निलंबित कर दिया और दोनों शिक्षामित्रों का एक दिन का मानदेय
कटौती करते हुए जवाब मांगा है।
खंड शिक्षाधिकारी गौरीबाजार के बीएसए उपेंद्र कुमार को अवगत कराया है
कि प्राथमिक विद्यालय नगरौली सोमवार को बंद पाया गया। न्याय पंचायत प्रभारी
नंद किशोर यादव ने रिपोर्ट दी है कि विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक
मंजू ¨सह देर से पहुंची। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रधानाध्यापक द्वारा
सौंपे गए कार्यों व दायित्वों का निर्वहन नहीं किया जा रहा हैं। विभागीय
नियमों व निर्देशों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। इनकी कार्यप्रणाली से
विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन की भी पुष्टि
होती है। बीएसए ने अनुशासनहीनता के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
बीएसए ने प्रधानाध्यापक मंजू ¨सह को निर्देश दिया है कि निलंबित होने के
बाद भी आप उसी विद्यालय पर अपना योगदान देना सुनिश्चित करें। वहीं
शिक्षामित्र सुनीता व किरन भी निरीक्षण के समय उपस्थित नहीं थीं। दोनों का
एक दिन के मानदेय कटौती की कार्रवाई की गई। बीएसए ने शिक्षामित्रों से
विद्यालय समय से व नियमित उपस्थित होकर बच्चों को ठीक ढंग से पठन-पाठन
कार्य करने का प्रमाण पत्र मांगा है।
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