आजमगढ़ में 13 सहायक अध्यापक बर्खास्त, किया था इतना बड़ा फर्जीवाड़ा

आजमगढ़ में मंगलवार को 13 सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा किया था। उन सभी ने फर्जी अंकपत्र लगा कर नौकरी ली थी। बीएसए ने बर्खास्तगी के साथ इनके वेतन की रिकवरी का भी आदेश दिया है।

15 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के तहत प्राथमिक विद्यालयों में चयनित सहायक अध्यापकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन में 13 अभ्यर्थियों के अंकपत्र फर्जी पाए गए थे। इन अध्यापकों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व मध्यमा का अंकपत्र अपने अभिलेखों में लगाया था।

जांच के बाद विश्वविद्यालय द्वारा सभी को फर्जी घोषित कर दिया गया। इस पर बीएसए ने इन शिक्षकों को नोटिस जारी कर 14 दिसंबर 2017 को स्पष्टीकरण के लिए बुलाया। लेकिन कोई शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ।

नोटिस में स्पष्ट निर्देश था कि जो उपस्थित होकर स्पष्टीकरण नहीं देगा उसके बारे में यह मान लिया जाएगा कि उसे अपने अंकपत्र फर्जी होने पर कुछ नहीं कहना है।

इसी आधार पर बीएसए ने इन 13 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को निरस्त करते हुए इनके द्वारा नियुक्ति से बाद से आहरित धन की रिकवरी का आदेश जारी कर दिया।

 बीएसए देवेंद्र पांडेय ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में 13 शिक्षकों ने फर्जी अंकपत्रों का प्रयोग किया था। विश्वविद्यालय के सत्यापन में इसका खुलासा होने पर शिक्षकों को कई बार नोटिस जारी किया गया पर किसी ने अपना पक्ष नहीं रखा। इसके बाद इनकी सेवा समाप्ति और रिकवरी के निर्देश जारी कर दिए गए।