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पेपर लीक मामले में सीबीसीआइडी जांच में फंसी आरओ-एआरओ परीक्षा 2016, लखनऊ में न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुई थी एफआइआर

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग ने रविवार को आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 का ‘श्री गणोश’ तो कर दिया लेकिन, सत्र 2016 की परीक्षा अभी विवादों से ही घिरी है। कुल 361 पदों पर भर्ती के लिए हुई इस परीक्षा का पेपर लीक होने पर लखनऊ में तीन जनवरी 2017 को एफआइआर दर्ज हुई थी।
जांच अभी सीबीसीआइडी पूरी नहीं कर सकी है। इस परीक्षा के लाखों अभ्यर्थियों के सामने यह स्थिति भी स्पष्ट नहीं की जा रही है कि इसका निस्तारण कब तक और कैसे होगा।1उप्र लोक सेवा आयोग ने आरओ-एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा प्रदेश के 21 जिलों में 27 नवंबर 2016 को कराई थी। उसी दिन इसका पेपर लीक हुआ था और वाट्सएप पर वायरल भी हो गया था। कई अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने के साक्ष्य भी आयोग को दिए थे लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष ने पेपर लीक होने और साक्ष्य को मानने से भी इन्कार कर दिया था। अभ्यर्थियों के लाख विरोध के बावजूद आयोग अपनी जिद पर अड़ा रहा तो लखनऊ के हजरतगंज थाने में आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने पेपर लीक होने की एफआइआर दर्ज कराई थी। यह मुकदमा तीन जनवरी को न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया था। आरओ-एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए 203261 अभ्यर्थियों को आज भी आयोग से परीक्षा की स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार है। अभ्यर्थियों को इस पर काफी हैरानी है कि पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीसीआइडी 15 महीने में भी पूरी नहीं कर सकी।

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