इसके बाद शिक्षक विधान भवन का घेराव करने की तैयारी कर रहे थे कि पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा मनीषा त्रिघटिया के साथ वार्ता के लिए ले जाया गया, जहां उन्हें मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद शिक्षक मान गए और आंदोलन खत्म हो गया।
संघ के अध्यक्ष योगेश त्यागी और महामंत्री नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना खत्म कर सरकार ने हम लोगों के साथ नाइंसाफी की है। वहीं राज्य कर्मचारियों की भांति हमें भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जानी चाहिए। राष्ट्रपति व राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाए। इसके अलावा मृतक आश्रितों को योग्यता के अनुसार पद पर भर्ती किया जाए। विधान भवन घेराव के लिए जाते समय पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि वह थोड़ी देर में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से उनकी वार्ता करवाएंगे। वह दारुलशफा में ही रहें और विधान भवन का घेराव करने न जाएं। इस बात पर शिक्षक मान गए। इसके बाद प्रमुख सचिव मनीषा त्रिघटिया ने शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए वह केंद्र को पत्र लिखेंगी और इसके अलावा जो भी मांगें शासन के स्तर से पूरी हो सकती हैं वह जल्द पूरी कर दी जाएंगी।
मुद्दा छोड़ सेल्फी व फोटो खींचने की होड़
दारुलशफा में प्रदेश भर से जुटे शिक्षक पुलिस व प्रशासन द्वारा वार्ता की पेशकश करते ही मान गए। अभी तक उनके तमाम सदस्य अन्य जिलों से वहां पहुंच ही रहे थे। इसके बाद नारेबाजी बंद हो गई और शिक्षक अपने नेताओं के साथ फोटो खींचने व सेल्फी लेने में जुट गए।
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