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शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन कर मांगा अवशेष मानदेय

जासं, कौशांबी : शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हुए छह माह से अधिक का समय बीत गया है। इसके बाद भी उनको अब तक मानदेय नहीं मिला। सातवें वेतन आयोग का लाभ भी उनको अब तक नहीं मिला। जिसके कारण उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
विभागीय कार्य के साथ ही उनको बीएलओ का कार्य भी करना पड़ रहा है। मंगलवार को शिक्षामित्रों ने इन समस्याओं को लेकर डीएम से मुलाकात की। ज्ञापन देकर समस्याओं के निराकरण किए जाने की बात कही।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने कहा कि जिले के अधिकांश शिक्षामित्रों को बीएलओ कार्य के लिए लगाया गया है। जबकि हाई कोर्ट का साफ निर्देश है कि जो भी शिक्षण कार्य से जुड़े है। उनसे शिक्षा के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य न लिया जाए। ऐसे में शिक्षामित्रों से बीएलओ कार्य लिए जाने पर रोक लगाई जाए। बताया कि 25 जुलाई 2017 को समायोजन निरस्त हो गया है। इसके बाद से ही उनको दस हजार का मानदेय दिए जाने का निर्देश मिला था, लेकिन अब तक किसी भी शिक्षामित्र को मानदेय नहीं मिला। जबकि इसको लेकर वह कई बार अधिकारियों से मांग कर चुके है। महामंत्री विद्या चरण शुक्ल ने कहा कि अल्प मानदेय पर शिक्षामित्र किसी तरह से काम कर रहे हैं, इसके बाद भी उसका भुगतान न होने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो चुका है। शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन मानदेय न मिलने से वह अब तक बच्चों का नामांकन भी नहीं करा सके है। बताया कि एक-एक शिक्षामित्र को अपने विद्यालय से 50-60 किमी दूरी तैनाती मिली है। ऐसे में उनके पास तो अब किराया का रुपये भी नही है कि वह विद्यालय तक पहुंच सके। उन्होंने डीएम से मानदेय दिए जाने मांग की है। इस मौके पर उदय ¨सह यादव, जितेंद्र कुमार, सुरेश चंद्र, अशोक द्विवेदी, कैलाश निषाद, मनोज कुमार, सज्जन लाल, संतोष शुक्ला, अजय कुमार, संतोषी शर्मा, मंजू ¨सह, मीना दिवाकर, विवेक मिश्रा व देवनाथ आदि मौजूद रहे।

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