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संसद में गूंजा आंदोलनरत शिक्षामित्रों का मुद्दा

लखनऊ में पिछले कई दिनों से आंदोलनरत शिक्षामित्रों का मुद्दा गुरुवार को संसद में भी गूंजा। आप (आम आदमी पार्टी) सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने शिक्षामित्रों से जुड़ा मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। सांसद ने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हार चुके यूपी के शिक्षामित्रों की स्थिति दयनीय हो गई है।

उन्‍होंने कहा, आर्थिक तंगी व अवसाद के कारण अब तक करीब 700 शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार चाहे तो उन तकनीकी कारणों को दूर करने के लिए संबधित कानून में संशोधन कर शिक्षामित्रों को राहत दे सकती है। जबकि, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने बताया कि आप सांसद ने उत्तराखंड सरकार के जारी शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यूपी सरकार भी उसी तरह प्रावधान बनाकर शिक्षामित्रों की मांगों को पूरा कर सकती है।

पूरे प्रदेश में निकाली जाएगी पदयात्रा

प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षामित्रों के मुद्दों को लेकर जल्द सांसद के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में पदयात्रा निकाली जाएगी। हालांकि, बुधवार को शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के बाद यूपी सरकार ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है, जोकि शिक्षामित्रों की समस्याओं पर रिपोर्ट देगी।

शिक्षामित्रों ने सिर मुंडवाकर किया प्रदर्शन

इससे पहले बुधवार को शिक्षामित्रों ने समायोजन निरस्त होने के फैसले वाले दिन (25 जुलाई) को काला दिवस के रूप में मनाया। पिछले वर्ष 25 जुलाई को ही शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हुआ था। तब से अब तक करीब 704 शिक्षामित्रों की हुई मौत पर उनकी आत्मा की शांति के लिए शिक्षामित्रों ने ईको गाडर्न में सामूहिक मुंडन कर तर्पण किया। इसके लिए 63 महिला और 450 पुरुष शिक्षामित्रों ने लखनऊ में सिर मुंडवाकर प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारे लगाए।

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