परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा का
पैटर्न बदलने की तैयारी है। फरवरी 2019 की प्रस्तावित लिखित परीक्षा में
अभ्यर्थियों को अति लघु उत्तरीय प्रश्नों का जवाब लिखकर देना होगा, बल्कि
शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी की तर्ज पर बहुविकल्पीय सवालों का जवाब
ओएमआर शीट पर भरना होगा। संकेत हैं कि जल्द ही इस संबंध में शासन निर्णय ले
सकता है।
इस संबंध में अफसरों के बीच मंथन शुरू हो गया है।1प्रदेश में
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के
लिए पहली बार लिखित परीक्षा 27 मई कराई गई। अफसरों ने इस परीक्षा में पहले
लघु उत्तरीय प्रश्न पूछने का निर्णय लिया, बाद में उसे बदलकर अति लघु
उत्तरीय किया गया, जिसमें प्रश्नों का जवाब एक शब्द से लेकर एक वाक्य रहा
है। परिषद मुख्यालय ने परीक्षा के लिए विषयवार पाठ्यक्रम जारी किया। लिखित
परीक्षा कराने का मकसद यह था कि चयनित होने वाले अभ्यर्थियों का ज्ञान व
वर्तनी देखी जाए, क्योंकि कई बार ऐसे प्रकरण सामने आए थे जिसमें मेरिट से
चयनित शिक्षक सही से प्रार्थना पत्र नहीं लिख पा रहे थे। शिक्षामित्रों ने
इसका जमकर विरोध किया, फिर भी परीक्षा तय फार्मेट पर हुई। 1इम्तिहान के बाद
उत्तरकुंजी जारी करने और फिर परिणाम तैयार करने में काफी समय लगा, इसकी
वजह यह थी कि राजकीय शिक्षकों को इस कार्य में लगाया गया जो एक-एक प्रश्न
को जांचते रहे। यहां तक गनीमत रही लेकिन, 13 अगस्त को रिजल्ट आने के बाद
मूल्यांकन पर गंभीर सवाल खड़े हुए। तमाम अभ्यर्थियों का दावा है कि उनके कई
प्रश्न सही हैं, फिर भी अंक नहीं मिले हैं। अब इसकी जांच कराई जा रही है।
मूल्यांकन में शिक्षक सही हैं या अभ्यर्थी इसका निर्णय करीब एक माह में
सामने आ सकेगा। इसी बीच परीक्षा और परिणाम को लेकर उच्च स्तरीय अफसरों के
बीच मंथन शुरू हुआ है कि यह पैटर्न आगे रखा जाए या नहीं। परीक्षा कराने से
लेकर रिजल्ट तैयार करने तक की दुश्वारियों पर चर्चा हुई और अफसर इस नतीजे
पर पहुंचे हैं कि अगली परीक्षा में पैटर्न बदला जाए। टीईटी पैटर्न पर ओएमआर
शीट पर परीक्षा हो, ताकि उत्तरकुंजी जारी करने और रिजल्ट बनवाने में विलंब
न हो। इसमें परिणाम पर सवाल भी नहीं उठेंगे।
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