जागरण संवाददाता, मऊ : जिले के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में
चल रही शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी से शिक्षक
नेताओं में तीव्र आक्रोश है।
गुरुवार को बेसिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों के
सभी गुटों एवं संगठनों ने एक होकर बीएसए कार्यालय का घेराव किया और समायोजन
रद करने की मांग करते हुए जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं भारतीय
जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष को नौ ¨बदुओं पर सवाल उठाते हुए ज्ञापन सौंपा।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
एवं विशिष्ट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में कहा है कि
समायोजन से पहले कोई सूची जारी नहीं की गई थी। महिलाओं, विकलांगों व असाध्य
रोगों से पीड़ित शिक्षकों से कोई विकल्प नहीं लिया गया था। शिक्षामित्रों
को मनमाने तरीके से शिक्षक पदों पर आगणित करते हुए समायोजित किया गया है।
समायोजन में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता के नियम की अनदेखी की गई है।
इसके चलते कई विद्यालय शिक्षकविहीन हो गए हैं। कुछ विद्यालयों पर पद सृजन
से अधिक अध्यापक भेजे गए हैं। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जबर्दस्ती
समायोजन किया गया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष
कृष्णानंद राय ने कहा कि समायोजन शिक्षकों की मूल भावना के विपरीत है।
शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से वार्ता किया। जिसमें उन्होंने
कहा कि कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से शिक्षक अपनी आपत्तियां दाखिल करें,
उसका तत्काल निराकरण किया जाएगा। प्रतिनिधमंडल में जूहा शिक्षक संघ के
जिलाध्यक्ष डा.रामनिवास भारती, विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष
अंजनी कुमार ¨सह, मंत्री राजेश राय, भारत भूषण ¨सह, शशिभूषण राय, अमित
¨सह, रामकेर यादव, सुरेंद्रनाथ यादव, अभिषेक दूबे, दिनेश कुमार, रामेश्वर
त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। समायोजित शिक्षक करें प्रत्यावेदन
बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने कहा कि यदि समायोजन में किसी
शिक्षक को गलत समायोजित किया गया है तो वह अपना प्रत्यावेदन व्यक्तिगत रूप
से कार्यालय में उपलब्ध कराए। यदि समायोजित शिक्षक की आपत्ति सही है तो
उसका तत्काल निराकरण किया जाएगा।
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