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बीएसए दफ्तर का ताला तोड़कर दस्तावेज चोरी की कोशिश

 सिद्धार्थनगर : जिले में 38 शिक्षकों की बर्खास्तगी होने के चौथे दिन सोमवार की भोर में बीएसए दफ्तर का ताला तोड़कर फर्जी नियुक्तियों से जुड़ी फाइलों के चुराने की कोशिश की गई। एक आलमारी व बाक्स का ताला टृूटा हुआ मिला। इसके अलावा एक आलमारी के लाक को तोड़ने की असफल कोशिश की गई थी।
कमरे के बाहर नियुक्ति से जुड़े कुछ दस्तावेज बिखरे पाए गए। घटना की जानकारी सुबह कुछ कर्मचारियों को हुई तो इन लोगों ने मामले की जानकारी बीएसए को दी। बीएसए ने फोन पर मामले से डीएम को अवगत कराया। कुछ ही देर में दफ्तर पर एएसपी मुन्नालाल मय फोर्स पहुंच गए। उन्होंने रात में ड्यूटी पर तैनात रहे चौकीदार से मामले की जानकारी हासिल की। एएसपी के जाने के बाद सीओ सदर दिलीप कुमार ¨सह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी से देर तक पूछताछ की। घटना की जानकारी होने पर नियुक्ति पटल देख रहा कार्यालय सहायक फूट-फूट कर रोने लगा। उसका कहना था कि उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है। इसकी जानकारी उसने डीएम और एसपी को दी है। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि सभी दस्तावेज सुरक्षित भी है अथवा नहीं। बीएसए ने पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया है।

डीएम के आदेश पर सीडीओ के नेतृत्व में 68 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच पिछले दिनों कराई गई थी। जांच के दौरान 38 शिक्षक दूसरे के शैक्षणिक दस्तावेजों पर नौकरी करते हुए पाए गए थे। विभाग ने शनिवार को सभी 38 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इनकी जांच से जुड़ी सभी फाइल बीएसए दफ्तर में रखी हुई हैं। रविवार एवं सोमवार को रक्षा बंधन का त्योहार होने के कारण बीएसए समेत सभी कर्मचारी अपने घर चले गए। सोमवार की रात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ओम प्रकाश आफिस में प्रथम तल पर सोया हुआ था। सुबह नीचे आने पर उसने देखा की एक कक्ष का ताला टूटा हुआ है। कमरे में रखे तमाम दस्तावेज बिखरे पड़े है। उसने मामले की जानकारी बीएसए को दी। बीएसए की सूचना पर पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार मौके पर पहुंच गए। पूरे दिन दफ्तर के अंदर और बाहर हड़कम्प की स्थित बनी रही।
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चैनल का गेट खोलकर अंदर आया संदिग्ध

मामले में जिस किसी की भूमिका है उसके पास चैनल के गेट की चाभी जरूर रही होगी, क्यों कि चैनल पर लगे ताले को खोला गया था। अगर कोई बाहरी व्यक्ति इसमें शामिल होता तो चैनल के गेट पर लगा ताला तोड़ना पड़ता। बिना ताला टूटे दफ्तर के कमरे तक पहुंचना पाना संभव ही नहीं । ताला तोड़कर कमरे में रखे फाइलों को ले जाने की कोशिश करना कई सवाल खड़ा कर रहा है। दफ्तर से जुड़े लोगों का कहना है कि गेट पर लगे चैनल में लगने वाले ताले की चार चाभी है। इसे अलग-अलग चार कर्मचारियों ने अपने पास रखा है।
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सीसीटीवी से खुलेगा राज
दफ्तर में सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है। इसकी फुटेज की जांच के बाद ताला तोड़ने में शामिल रहे व्यक्ति की पहचान हो सकती है। हालांकि एक कैमरे को छेड़ा गया जबकि बाकी दो में अस्पष्ट फुटेज रिकार्ड हो गई है। चौकीदार का बयान और संदिग्धों के भीतर घुसने के टाइम में भी चंद मिनट का फर्क है। जबकि पुलिस के सामने रोकर सफाई देने वाले लिपिक की भूमिका को भी सवालों से जोड़ कर देखा जा रहा है।
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दफ्तर में जमा है सैकड़ों मूल दस्तावेज
वर्ष 2015 से लेकर अब तक हुई शिक्षकों की नियुक्ति में सैकड़ों शिक्षकों का मूल प्रमाण पत्र अब भी विभाग के पास जमा है। ताला टूटने के बाद तमाम शिक्षक अपने प्रमाण पत्रों के गायब होने की आशंका में खासे परेशान है। कुछ ने तो ताला टूटने की जानकारी होने पर दफ्तर में पहुंचकर अपने दस्तावेजों की मौजूदगी के बारे में जानकारी हासिल की।
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छुट्टी छोड़ वापस लौटे बीएसए
सोमवार को बीएसए ने अवकाश ले रखा था। मगर, घटना की जानकारी होते ही वे यहां के लिए चल दिए। शाम को पहुंचे बीएसए ने माहौल का जायजा लिया। कहा कि वे और बाकी के उपस्थित कर्मचारी तक तब कार्यालय से नहीं जाएंगे जब तक सभी आवश्यक अभिलेखों के मौजूद होने के की पुष्टि नहीं हो जाती। डबल लाक में रखेंगे अभिलेख
बीएसए के मुताबिक वे डीएम ने अनुरोध करके शिक्षकों के अभिलेख डबल लाक में रखवाएंगे। कहा कि उन्हें व उनके कार्यालय में रखे प्रपत्रों को अब भी खतरा है। इसके लिए पुलिस से लिखापढ़ी की जा रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक से बात हुई है। मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस में तहरीर दी जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राम ¨सह, बीएसए
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क्या कहती है पुलिस
अपर पुलिस अधीक्षक मुन्नालाल ¨सह का कहना है कि बीएसए द्वारा उन्हे मामले की सूचना दी है। सूचना को संज्ञान में लेकर सदर पुलिस समेत पुलिस क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचा। मौखिक जानकारी पर मौके पर वस्तु स्थित देखी गई। विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि कोई महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं। अभी बेसिक शिक्षा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच की जाएगी। स्थाई सुरक्षा संभव नहीं

डीएम कुणाल सिल्कू ने कहा कि बीएसए कार्यालय की स्थाई सुरक्षा का इंतजाम संभव नहीं है। वे जो अभिलेख चाहें डबल लाक में रखवा लें। रहीं बात बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े की तो बता दूं कि शासन स्तर से प्रत्येक जनपद में एडीएम की अध्यक्षता में एडिशनल एसपी व शिक्षा विभाग के एक अफसर की टीम गठित कर जांच करने का आदेश मिला है। वो कमेटी इस मामले को भी जांच के दायरे में ले लेगी।

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