सिर्फ 38 नहीं लम्बी है फर्जी शिक्षकों की फौज

 सिद्धार्थनगर : जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी कर रहे 38 शिक्षकों को विभाग ने शनिवार को बर्खास्त कर दिया। फर्जी शिक्षकों की संख्या सिर्फ 38 ही नहीं है। इनकी लंबी फौज है।
सिर्फ 68 शिक्षकों की जांच में 38 फर्जी शिक्षक पकड़े गए। यदि जिले में कार्यरत अन्य शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराई जाय तो इनकी संख्या बढ़ सकती है। इसके पहले भी तमाम फर्जी शिक्षकों की पहचान हो चुकी है। इनके पढ़ाए बच्चे किस लायक हो पाएंगे यह सवाल लोगों की जेहन में कौंध रहा है। इनकी तैनाती से न केवल दूसरे योग्य शिक्षक की नौकरी पाने से वंचित हो गए, बल्कि इनके पढ़ाए बच्चों के भविष्य पर भी सवाल खड़ा हो गया है।

शिकायत के बाद डीएम कुणाल सिल्कू ने सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यी टीम ने 68 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की। इसमें जिले में कार्यरत 38 शिक्षक दूसरे के प्रमाणपत्रों पर नौकरी करते हुए पाए गए है। विभाग ने इन्हे बर्खास्त तो कर दिया है। मगर सवाल यह है कि यह सालों से विद्यालय में तैनात रहने के दौरान जिन बच्चों को पढ़ाया वह किस काबिल हो पाएंगे। अनट्रेंड शिक्षकों के पढ़ाई के भरोसे सफलता की किस सीढ़ी तक वह पहुंच पाएंगे। इसके पहले भी 13 मार्च 2013 को जिले में 36 शिक्षक फर्जी पकड़े गए थे, इनके खिलाफ विभाग ने सदर थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। करीब पांच साल बाद दुबारा फर्जीवाड़ा के पकड़ में आने से एक बात तो तय है कि इनका काकस घटने के बजाय बढ़ा ही है। जब इतनी कम संख्या में जांच के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक पकड़े गए तो सभी शिक्षकों की जांच कराई जाय तो इनकी संख्या सैकड़ों में हो सकती है।
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गैर जिलों में भी बंटा हैं प्रसाद

तमाम फर्जी शिक्षक जुगाड़ के बल पर गैर जिलों में स्थानांतरण कराने में पहले ही सफल हो चुके है। ऐसी चर्चा विभाग में जोरों पर हैं। विभाग से जुड़े कुछ लोग यह स्वीकार्य करने ंमें जरा भी नहीं हिचकते कि गैर जनपद स्थानांतरित हो चुके तमाम शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इनकी संख्या दर्जनों में हैं। जानकारों का कहना है कि यदि सभी शिक्षकों की मूल तैनाती वाले जनपद से दस्तावेजों की जांच कराई जाय तो फर्जी शिक्षकों की संख्या चौंकाने वाली होगी।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
अभी कुछ और शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की आशंका है। जल्द ही इसकी जांच कराकर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर योग्य उम्मीदवार को हक किसी दूसरे को पैसे के बल पर नहीं लेने दिया जाएगा।

राम¨सह, बीएसए