हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद सरकार का फैसला- 68500 शिक्षक भर्ती में फिर से जांची जाएंगी कॉपियां

लखनऊ. 68500 सहायक बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा सख्त टिप्पणी की गई है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अफसरों पर क्या कार्रवाई की गई है।
इसके बाद सरकार ने एलान किया है कि परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों की कॉपियां फिर से जांची जाएंगी। इस फैसले से धांधली से चयनित सहायक अध्यापकों की नौकरी पर तलवार लटकेगी, वहीं चयन से वंचित हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्ति का मौका मिलेगा। गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर रेड्डी की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने सोमवार को सभी कॉपियों की दोबारा जांच का फैसला लिया।
बता दें कि बेसिक शिक्षकों की भर्ती में सामने आ रही अनियमितताओं को देखते हुए इस भर्ती प्रक्रिया को अपने अग्रिम आदेशों के अधीन कर लिया हैमामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी। यह आदेश जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने सोनिका देवी की ओर से दायर एक सेवा याचिका पर पारित किया। याची ने अपनी उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांचने की मांग की थी। पिछली सुनवाई पर यह बात सामने आई थी कि याची की कापियां बदल दी गई थी, जिसके चलते उसे कम नंबर मिले। इस पर सरकार की ओर से मामले की स्वत: जांच कराने की बात कही गई थी। सोनिका ने अपनी उत्तर पुस्तिका बदले जाने का अंदेशा जताया था, जो 31 अगस्त को जांच में सही पाया गया।
वहीं कोर्ट में सरकार की ओर से 12 अभ्यर्थियों की कापियों में परिवर्तन की बात मानी गई। कहा गया कि लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है और गड़बड़ी करने वाले अफसरों का पता लगाने के लिए जांच भी की जा रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को हलफनामा पेश कर जांच की प्रगति बताने को कहा। जांच कमेटी के अध्यक्ष संजय आर भूसरेड्डी का कहना है कि ‘दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए सभी कॉपियों की दोबारा जांच कराने का फैसला किया गया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल यूप में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 68,500 सहायक अध्यापकों के लिए 27 मई को 107873 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। 13 अगस्त को जारी रिजल्ट में 41,556 अभ्यर्थी चयनित किए गए और रिक्त पदों के सापेक्ष 26,944 पद खाली रह गए थे। पत्रिका कार्यालय आए कुछ छात्रों ने बताया था कि उन्होंने रमुख सचिव संजय आर रेड्डी को अपना शिकायती पत्र दिया है। हालांकि उन्हें समाधाना का भरोसा तो मिला लेकिन इसकी रिसीविंग नहीं दी गई।