7th pay
commission : यूपी के राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली लागू कराने के
लिए सड़कों पर उतर आए हैं. इस मुहिम में कर्मचारियों के साथ कई शिक्षक
संगठन भी शामिल हैं. 29 अक्टूबर 2018 को शुरू हुई चेतना रथयात्रा अब तक
आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में जा चुकी है.
पुरानी पेंशन की बहाली है लक्ष्य
ये चेतना रथ यात्रा संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के बैनर तले निकाली जा रही है. एस4 के पदाधिकारी आरके वर्मा ने बताया कि संगठन का एक ही लक्ष्य है-पुरानी पेंशन की बहाली. केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि नई पेंशन योजना (NPS) राज्यों के विवेक पर निर्भर है. वे चाहें तो इसे अपने यहां लागू करें या न करें. अगर ऐसा है तो इससे साफ है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली राज्य सरकार के स्तर पर संभव है. देश के कई राज्यों में अब तक एनपीएस लागू नहीं है. यूपी में एनपीएस व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. 13 साल पहले लागू हुई योजना में अब तक कई कर्मचारियों के खाते तक नहीं खुले हैं और जिनके खुले हैं तो उनकी अंशदान की कटौती शुरू नहीं हुई है.
कर्मचारी का भविष्य खतरे में
वर्मा ने कहा कि अप्रैल 2005 के बाद जो भी कर्मचारी राज्य कर्मचारी की सेवा में आया है, उसका भविष्य एक तरह से खतरे में है. अगर कोई अनहोनी होती है तो उसके परिवार का क्या होगा. इसलिए एस4 पुरानी पेंशन की मांग को पुरजोर ढंग से उठा रहा है.
राज्य सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि एनपीएस के तहत बने पेंशन योजना कोष को परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (PRAN) में ट्रांसफर किया जा रहा है. जबकि 9 साल पहले शुरू हुई एनपीएस की प्रक्रिया अभी अधूरी है. इससे सरकार की मंशा पर सवाला खड़ा होता है.
20 दिसंबर को लखनऊ में करेंगे रैली
यूपी के लाखों कर्मचारियों ने सरकार से कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के बैनर तले सरकारी कर्मचारी 29 अक्टूबर 2018 से 'पुरानी पेंशन बचाओ-चेतना रथ यात्रा' निकाल रहे हैं. यह यात्रा 3 चरणों में 14 दिसंबर 2018 तक चलेगी.
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पुरानी पेंशन की बहाली है लक्ष्य
ये चेतना रथ यात्रा संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के बैनर तले निकाली जा रही है. एस4 के पदाधिकारी आरके वर्मा ने बताया कि संगठन का एक ही लक्ष्य है-पुरानी पेंशन की बहाली. केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि नई पेंशन योजना (NPS) राज्यों के विवेक पर निर्भर है. वे चाहें तो इसे अपने यहां लागू करें या न करें. अगर ऐसा है तो इससे साफ है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली राज्य सरकार के स्तर पर संभव है. देश के कई राज्यों में अब तक एनपीएस लागू नहीं है. यूपी में एनपीएस व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. 13 साल पहले लागू हुई योजना में अब तक कई कर्मचारियों के खाते तक नहीं खुले हैं और जिनके खुले हैं तो उनकी अंशदान की कटौती शुरू नहीं हुई है.
कर्मचारी का भविष्य खतरे में
वर्मा ने कहा कि अप्रैल 2005 के बाद जो भी कर्मचारी राज्य कर्मचारी की सेवा में आया है, उसका भविष्य एक तरह से खतरे में है. अगर कोई अनहोनी होती है तो उसके परिवार का क्या होगा. इसलिए एस4 पुरानी पेंशन की मांग को पुरजोर ढंग से उठा रहा है.
राज्य सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि एनपीएस के तहत बने पेंशन योजना कोष को परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (PRAN) में ट्रांसफर किया जा रहा है. जबकि 9 साल पहले शुरू हुई एनपीएस की प्रक्रिया अभी अधूरी है. इससे सरकार की मंशा पर सवाला खड़ा होता है.
20 दिसंबर को लखनऊ में करेंगे रैली
यूपी के लाखों कर्मचारियों ने सरकार से कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के बैनर तले सरकारी कर्मचारी 29 अक्टूबर 2018 से 'पुरानी पेंशन बचाओ-चेतना रथ यात्रा' निकाल रहे हैं. यह यात्रा 3 चरणों में 14 दिसंबर 2018 तक चलेगी.
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