पीलीभीत। प्रदेश सरकार से अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद
पर बहाली करने की मांग की। इसको लेकर शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को
संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. अर्चना द्विवेदी को सौंपा।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष तीर्थ देव शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को सौंपे ज्ञापन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जुलाई 2017 में समायोजन निरस्त होने के बाद से अब प्रदेश भर में करीब 1100 शिक्षामित्र अवसाद ग्रस्त होकर आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को समस्या का स्थाई निरस्तारण करना चाहिए। ज्ञापन में शिक्षामित्रों को अध्यादेश लाकर सहायक अध्यापक पद पर बहाल करने, स्थाई पद और वेतनमान देने, मृतक शिक्षामित्रों के परिवारों को उचित मुआवजा और आश्रित सदस्य को नौकरी दिलाने, 69000 शिक्षक भर्ती से कटऑफ हटाते हुए शिक्षामित्रों को मौका देने, हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट का खुलासा कर संगठन को अवगत कराने की मांग की गई। समस्याओं का समाधान न होने पर सात फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष हरिओम पांडेय, संरक्षक सूर्यकांत मिश्रा, जिला महामंत्री वीर सिंह गंगवार, शांति ध्यानी, जानेआलम, ज्ञानेंद्र भोजवाल, देवदत्त, महेश चंद्र आदि शामिल रहे।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष तीर्थ देव शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को सौंपे ज्ञापन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जुलाई 2017 में समायोजन निरस्त होने के बाद से अब प्रदेश भर में करीब 1100 शिक्षामित्र अवसाद ग्रस्त होकर आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को समस्या का स्थाई निरस्तारण करना चाहिए। ज्ञापन में शिक्षामित्रों को अध्यादेश लाकर सहायक अध्यापक पद पर बहाल करने, स्थाई पद और वेतनमान देने, मृतक शिक्षामित्रों के परिवारों को उचित मुआवजा और आश्रित सदस्य को नौकरी दिलाने, 69000 शिक्षक भर्ती से कटऑफ हटाते हुए शिक्षामित्रों को मौका देने, हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट का खुलासा कर संगठन को अवगत कराने की मांग की गई। समस्याओं का समाधान न होने पर सात फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष हरिओम पांडेय, संरक्षक सूर्यकांत मिश्रा, जिला महामंत्री वीर सिंह गंगवार, शांति ध्यानी, जानेआलम, ज्ञानेंद्र भोजवाल, देवदत्त, महेश चंद्र आदि शामिल रहे।