शिक्षा विभाग : समायोजन की जमीन तैयार, पर नहीं बताया सरप्लस का आधार

गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन की जमीन एक बार फिर तैयार हो गई है। शासन ने 15 जुलाई तक हर हाल में शिक्षकों का समायोजन पूरा करने का निर्देश देते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।

आरटीई के मानक के अनुरूप शिक्षक-छात्र अनुपात से अधिक शिक्षक होने पर उन्हें स्कूल से हटाया जाएगा, लेकिन शासन और बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी पत्रों में सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने का कोई आधार नहीं बताया गया है। पत्र आने के बाद से ही शिक्षकों में ऊहापोह की स्थिति है।
गत वर्ष जूनियर शिक्षकों को हटाने का था आदेश
पिछले साल हुई समायोजन की प्रक्रिया में सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने के लिए आधार को स्पष्ट किया गया था। 'लास्ट इन फ‌र्स्ट आउट' (यानी जिसने बाद में स्कूल ज्वाइन किया, वह पहले हटेगा) के आधार पर ही सरप्लस शिक्षकों की सूची तैयार की गई। आरटीई नियमों के अनुसार शिक्षक-छात्रों के मानक से अधिक शिक्षक मिलने पर वहां से जूनियर अध्यापकों को हटाया गया था। इसी आधार पर पूरी समायोजन प्रक्रिया पूरी की गयी। यही बात विवाद का कारण भी बनी थी। शिक्षक कोर्ट गए और पूरी प्रक्रिया रोक दी गयी। इस बार कोई आधार ही न होने से समायोजन में पेंच फंसने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है।
क्या कहता है शिक्षक संघ
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री श्रीधर मिश्र का कहना है कि अपर मुख्य सचिव बेसिक एवं बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव का पत्र आ चुका है, लेकिन समायोजन को लेकर दिया गया आदेश अस्पष्ट है। सरप्लस शिक्षकों के निर्धारण में इससे विवाद की स्थिति पैदा होगी। आधार तो स्पष्ट करना चाहिए।
15 जुलाई तक परी करनी है प्रक्रिया
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नरायण सिंह का इस संबंध में कहना है कि जनपद के भीतर समायोजन की प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी करनी है। उसके बाद परस्पर स्थानांतरण किया जाएगा। सरप्लस को लेकर आधार तैयार किया जाएगा।

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