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जब जानेंगे योगी का ये नया फैसला, आप भी बोलेंगे- वाह..सीएम साहब..वाह

यूपी की योगी सरकार राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में शिक्षक पद पर भर्ती के लिए अब एसिड अटैक पीड़ितों को शैक्षिक योग्यता में पांच फीसद की छूट देगी. यह छूट एसिड पीड़ितों को अडंर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएड दोनों में दी जाएगी. यही नहीं, सामान्य से कम कद (हाइट) वालों को भी यह छूट मिलेगी.
अभी तक असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीजी में न्यूनतम 55 फीसद मार्क्स और यूजी में द्वितीय श्रेणी में पास होना जरूरी है.
शिक्षकों की भर्ती व प्रोन्नति की न्यूनतम अर्हता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के तैयार नए रेग्यूलेशन के तहत होंगे. उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की परिनियमावली व अधिनियम में इन्हें शामिल करने के लिए कमेटी बनाई गई है. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है, अब इसे जल्द लागू किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, डिग्री कॉलेजों के प्रिंसिपल पद पर भर्ती के लिए अभी तक 400 एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स (एपीआइ) जरूरी थे लेकिन, अब इसे कम कर 110 अनुसंधान प्राप्तांक कर दिया गया है. इसमें कक्षा में लेक्चर, सेमिनार, परीक्षा ड्यूटी व अन्य अनुसंधान के अंक शामिल हैं.
प्रोफेसर पद के लिए दूसरा बड़ा बदलाव यह है कि उसे पांच-पांच वर्ष के दो कार्यकाल मिलेंगे. अभी तक यह तय नहीं था. इस पद पर अधिकतम कार्यकाल पूरा करने के बाद जब वह अपने मूल पद पर लौटेगा तो उसे प्रोफेसर पदनाम व वेतन हासिल होगा. अभी तक वह एसोसिएट प्रोफेसर के मूल पद पर ही वापस लौटता था. वहीं प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पहले 400 एपीआइ जरूरी थी अब इसे 120 अनुसंधान प्राप्तांक कर दिया गया है. नए नियम से शिक्षक की नियुक्ति व प्रोन्नति में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं.

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