📌📌 *""खण्ड शिक्षा अधिकारियो को नही है आक0 अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार।""*
📌 *विद्यालय नियत प्राधिकारी अर्थात संस्थाध्यक्ष अर्थात प्रधानाध्यपक द्वारा ही स्वीकृत स्वीकृत कर आक0 अवकाश की सूचना मासिक सूचना प्रपत्र के माध्यम से ब्लाक स्तर पर भेजी जाती है।*
📌 *वर्ष में मिलने वाले 14 आक0 अवकाश किसी भी नियम के अधीन नही है जिस पर सिर्फ शिक्षक / कर्मचारी का अधिकार है आक0 अवकाश पर होने वाले शिक्षक या कर्मचारी को अनुपस्थित नही माना जाता है और वेतन देय होता है*
*आकस्मिक अवकाश के बारे में आकस्मिक अवकाश निरीक्षण अधिकारी या खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा पूर्व स्वीकृत कराने का शासनादेशो व नियमावली में कोई प्रावधान नही है और आकस्मिक अवकाश का मतलब अचानक उत्पन्न अति विषम परिस्थिति में लिए जाना अवकाश है*
*जो आकस्मिक अवकाश विद्यालय प्राधिकारी / प्रधानाध्यापक / संस्थाध्यक्ष द्वारा ही शिक्षक कर्मचारी की लिखित सूचना या दूरभाष सूचना या मोबाइल मैसेज की सूचना पर स्वीकृत कर विद्यालयी पंजिकाओ में अंकित किये जाते है जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक अर्थात विद्यालयी कार्यालय प्राधिकारी की है । निरीक्षण अधिकारी ( जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी , खण्ड शिक्षा अधिकारी ,प्रशासनिक अधिकारी व अन्य ) द्वारा आकस्मिक अवकाश कदापि स्वीकृत नही किये जाते है।*
📌 *"मैनुअल अॉफ गवर्मेंट आर्डर उत्तर प्रदेश" के अध्याय -142 व वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड दो ( भाग 2 से 4 ) के सहायक नियम- 201 के अनुसार आक0 अवकाश को अवकाश की मान्यता नही है और ना ही यह आकस्मिक अवकाश किसी नियम के अधीन है आकस्मिक अवकाश पर शिक्षक कर्मचारी को अनुपस्थित नही माना जाता है और वेतन देय होता है ।*
*आकस्मिक अवकाश को मातृत्व अवकाश , चिकित्सीय अवकाश ,चाइल्ड केयर लीव व अन्य की तरह जिला बेसिक अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा पूर्व स्वीकृति की मान्यता कदापि नही दी जा सकती है। "आक0 अवकाश नियमित अवकाश में नही आता है ।" आक0 अवकाश आवश्यक कार्य पड जाने व विषम परिस्थितियों में शिक्षको कर्मचारियों द्वारा लिए जाते है जो विद्यालय या निकाय में तैनात स्वीकृति प्राधिकारी अर्थात प्रधानाध्यापक या विद्यालयी संस्था प्रमुख के द्वारा ही स्वीकृत किये जाते है एवम् शासनादेश के प्रस्तर -1088 के अनुसार विद्यालयी कार्यालय प्राधिकारी अर्थात प्रधानाध्यापक द्वारा आकस्मिक - अवकाश का लेखा एक रजिस्टर पर एक नियत प्रारूप में रखा जाता है तथा उक्त रजिस्टर का परीक्षण , निरीक्षण अधिकारियो ( जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी , खण्ड शिक्षा अधिकारी , प्रशासनिक अधिकारियो व अन्य ) द्वारा समय समय पर किया जाता है। किन्तु वर्तमान में शिक्षको के आकस्मिक अवकाश विद्यालय कार्यालय प्राधिकारी अर्थात प्रधानाध्यापक द्वारा पंजिकाओ में अंकित किये जाने के उपरांत भी शिक्षक को अनुपस्थित माना जा रहा है जो पूर्णतः अनुचित है। श्रीमान जी निरीक्षण अधिकारी से उनके घर या ब्लॉक या जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय जाकर आकस्मिक अवकाश पूर्व स्वीकृत कराना शासनादेश के विरूद्ध है। तथा नेटवर्क समस्या , मोबाइल में धनराशि का अभाव होने व अन्य कारण के चलते निरीक्षण अधिकारी को अलग से मोबाईल मैसेज करना पूर्णतया अनुचित है।* *विषम परिस्थितियों में लिखित सूचना नही दे पाने की स्थिति में कार्यालय प्राधिकारी अर्थात संस्थाध्यक्ष अर्थात प्रधानाध्यापक को मोबाइल मेसेज या फोन कर भी सूचना दी जा सकती है।*
*शासनादेशानुसार विद्यालयी कार्यालय प्राधिकारी अर्थात प्रधानाध्यापक अर्थात संस्था प्रमुख द्वारा विद्यालयी पंजिकाओ में अंकित किये गए आकस्मिक अवकाश के बाबजूद शिक्षको को कदापि अनुपस्थित नही माना जाए और ना ही आक0 अवकाश पर रहने वाले शिक्षक का वेतन रोका जाए।*
*यदि आक0 अवकाश के नाम पर शिक्षको का अनुचित शोषण किया जाता है तो संगठन द्वारा ऐसे अधिकारियो के विरूद्ध खुलेआम मोर्चा खोल शासन स्तर पर उच्च स्तरिय शिकायत की जायेगी।*
*रविकांत हयारण( ताम्रकार)*
*जिलाध्यक्ष*
*राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0*
*जनपद - ललितपुर*