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पूर्व शिक्षा निदेशक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में रिव्यू कमेटी के बने सदस्य

 प्रयागराज : प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक रहे कृष्ण मोहन त्रिपाठी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति रिव्यू कमेटी का सदस्य बनाया गया है। अब वे राज्यों में नीति लागू करने की तैयारियों व अमल पर निगाह रखेंगे साथ ही उनका अपेक्षित मार्गदर्शन भी करेंगे। कानपुर में पनकी के निवासी त्रिपाठी प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में सुधार के लिए अहम जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, इसीलिए उन्हें एक के बाद एक केंद्र व प्रदेश की अहम कमेटियों में शामिल किया गया है।



केंद्र सरकार के उप सचिव देवेंद्र कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की रिव्यू कमेटी घोषित की है। देश के प्रख्यात वैज्ञानिक व पद्म भूषण डा.के.कस्तूरीरंगन को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। डा.वसुधा कामत, डा.मंजुल भार्गव, डा.रामशंकर कुरील, डा.टीवी कट्टिमानी, कृष्ण मोहन त्रिपाठी, डा.मजहर आसिफ व डा.एमके श्रीधर को सदस्य और कामिनी चौहान रत्न को सदस्य सचिव बनाया गया है। कृष्ण मोहन माध्यमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक रहे हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति तय होने वाली कमेटी में भी रहे हैं। प्रदेश सरकार ने नीति को लागू करने के लिए 17 सदस्यीय टास्क फोर्स गठित की है। इसमें भी त्रिपाठी को शामिल किया गया है। वे अक्टूबर 2020 से एनसीईआरटी की कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी हैं। पूर्व शिक्षा निदेशक ने दैनिक जागरण से कहा कि नई शिक्षा नीति के अमल में आने से देश के शैक्षिक स्तर में सुधार होगा। एनसीएफ यानी नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क का रिव्यू पूरा हो गया, जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा।

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