7,442 मदरसों की बोर्ड करेगा जांच, गोंडा सहित कई जिलों में फर्जी मदरसों की शिकायत पर लिया निर्णय

प्रदेश सरकार मदरसा आधुनिकीकरण योजना का लाभ लेने वाले सभी 7,442 मदरसों की जांच कराने जा रही है। अमरोहा, कुशीनगर और गोंडा में कागजों में चल रहे फर्जी मदरसों की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। योजना के संचालन के बाद से मदरसों के शैक्षिक स्तर में कितना सुधार आया, इसके लिए शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन भी कराया जाएगा।

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मुस्लिम बच्चों को गुणवत्ता और आधुनिक शिक्षा के लिए अनुदान दिया जाता है। पारंपरिक शिक्षा के अलावा विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हंिदूी और सामाजिक अध्ययन जैसे विषय पढ़ाने के लिए प्रत्येक मदरसे में तीन-तीन शिक्षक रखे जाते हैं। स्नातक शिक्षकों को छह हजार व परास्नातक शिक्षकों को 12 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। प्रदेश सरकार भी स्नातक शिक्षकों को दो हजार व परास्नातक शिक्षकों को तीन हजार रुपये अतिरिक्त मानदेय देती है। इस योजना में प्रदेश के 7,442 मदरसों के 21,126 शिक्षक शामिल हैं।

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की बोर्ड बैठक में सदस्य तनवीर रिजवी द्वारा योजना में शामिल अमरोहा के कई मदरसों के अस्तित्व में न होने संबंधी शिकायत पर बोर्ड ने सर्वसम्मति से प्रदेश के सभी संबंधित मदरसों की जांच कराने का निर्णय लिया। बताया गया कि एक ही सोसायटी कई मदरसों का संचालन कर रही है।

बोर्ड अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने मदरसा आधुनिकीकरण में शामिल मदरसों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता की जांच विशेषज्ञों के पैनल से कराने का भी निर्णय लिया है। विशेषज्ञ देखेंगे कि मदरसों पर अरबों रुपये खर्च होने के एवज में बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में कितना असर पड़ रहा है? गौरतलब है कि वर्ष 2013 में तत्कालीन सपा सरकार में भी 118 मदरसे फर्जी मिले थे। इनमें सर्वाधित 34 फर्जी मदरसे मेरठ में, 17 गोंडा में व 13 बलरामपुर में पकड़े गए थे।

’>>गोंडा सहित कई जिलों में फर्जी मदरसों की शिकायत पर लिया निर्णय

’>>इन मदरसों को मिला है आधुनिकीकरण योजना का लाभ

मदरसा बोर्ड को अमरोहा सहित कई जिलों में ऐसे मदरसों की सूचना मिली है जिनका अस्तित्व नहीं है। ये मदरसे आधुनिकीकरण योजना का लाभ ले रहे हैं। इसलिए मदरसा बोर्ड इस योजना में शामिल प्रदेश के सभी मदरसों की जांच कराने जा रहा है।

शेषनाथ पाण्डेय, रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद