गोरखपुर. यूपी एसटीएफ और गोरखपुर पुलिस ने बर्खास्त शिक्षक के वसूली गैंग का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दिलचस्प बात यह है कि वसूली गैंग के लोग फर्जी नियुक्ति का डर दिखाकर सरकारी टीचरों से रंगदारी मांगा करते थे. एसटीएफ और कैंट पुलिस की संयुक्त टीम ने गैंग सरगना बर्खास्त शिक्षक राजकुमार यादव और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार आरोपियों के पास से वोटर कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल समेत तमाम फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं. वहीं मामले का खुलासा करते हुए कैंट थानेदार शशि भूषण राय ने बताया है कि सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को उनके अंकपत्र और प्रमाण पत्र में कमी बताकर बर्खास्त शिक्षक अपने गुर्गों के साथ रंगदारी मांगा करता था. रंगदारी नहीं देने पर एसटीएफ और बीएसए दफ्तर में शिकायत करने का धौंस देते थे. कैंट इंस्पेक्टर के मुताबिक वसूली गैंग का सरगना बर्खास्त शिक्षक महराजगंज जिले का राजकुमार यादव है और गोरखपुर जिले के बेलीपार निवासी रुद्र प्रताप यादव और बस्ती के गिरधारी लाल जायसवाल के जरिए सरकारी शिक्षकों को फर्जी नियुक्ति का डर दिखाकर रंगदारी मांगा करता था.
- 69000 शिक्षक भर्ती से सम्बंधित माननीय उच्च न्यायालय में योजित याचिका संख्या-13156/2020 महेन्द्र पाल व अन्य बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य के सम्बन्ध में ।
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ऐसे बनाते थे निशाना
खुलासे के दौरान कैंट पुलिस ने बताया कि जिले के कौड़ीराम में सहायक
अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक ने कैंट थाने में शिकायत की थी. पीड़ित
शिक्षक को स्पीड पोस्ट के जरिए उसके B.P.Ed के अंकपत्र फर्जी बातकर एसटीएफ
और बीएसए आफिस में शिकायत करने के नाम पर धमकी देकर रंगदारी मांगी गयी थी.
पैसे नहीं दिए जाने पर जान से मारने की भी धमकी शिक्षक को दी गई थी. जिस पर
पीड़ित शिक्षक द्वारा थाना कैंट में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. तफ्तीश
के दौरान पता चला कि गिरधारी जायसवाल जो वर्तमान में सहायक अध्यापक के पद
पर कार्यरत है, वह अपने विभाग का डाटा चुराकर अपने साथी राजकुमार यादव और
रुद्र प्रताप को देता था. इन लोगों द्वारा ऐसे लोगों को टारगेट किया जाता
था, जिनके अंकपत्र व डॉक्यूमेंट में कोई कमी होती थी. एसटीएफ और बीएसए
दफ्तर में शिकायत करने का डर दिखाकर शिक्षकों से रंगदारी मांगी जाती थी.