तदर्थ शिक्षकों का वेतन रोके जाने के मामले में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने सदन में जांच का आश्वासन दिया और कहा कि अधिकारियों की गलती होने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 1993 से ये शिक्षक काम कर रहे हैं
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इन्हें निकाला नहीं जा रहा है। जहां पर इनका वेतन रोका गया है, वहां जांच करवाई जाएगी। शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी और ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदेश के ऐडेड माध्यमिक स्कूलों में तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण और वेतन का मुद्दा उठाया। नियम-105 के तहत उन्होंने कहा कि ये शिक्षक 1993 से 2000 तक अल्पकालिक व तदर्थ के आधार पर हुई।
सभी शिक्षकों की नियुक्ति शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुई तो फिर अब ये विवाद क्यों है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में विनियमितीकरण का आदेश 2016 में हुआ था लेकिन अभी तक कुछ जिलों में थोड़े ही शिक्षकों को विनियमित किया जा सका है। वहीं जून से इनका वेतन रोक दिया गया है।