प्रयागराज, बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्त प्रदेशभर के लगभग 16 हजार उच्च योग्यताधारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सम्मानजनक नौकरी का इंतजार है। शासन ने विभिन्न जिलों में परिचारक (चपरासी) के पद पर कार्यरत बीटेक, एलएलबी, एमबीए, बीसीए, पीएचडी जैसे डिग्रीधारी कर्मचारियों को डीएलएड का प्रशिक्षण कराकर और उन्हें टीईटी में शामिल होने का मौका देते हुए शिक्षक पद पर नियुक्त करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को नीति बनाने के निर्देश 16 मार्च 2023 को दिए थे। जिस पर अफसरों ने 17 अप्रैल 2023 को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा था।
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उससे संबंधित कुछ सूचनाएं शासन ने मांगी थी जो उपलब्ध नहीं कराई गई। 16 जुलाई 2024 को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने जानकारी नहीं दी। 27 सितंबर को फिर से रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। प्रदेश में 26 जुलाई 2011 को आरटीई लागू होने के बाद से परिषदीय प्राथमिक
हो गया। जिन मृतक आश्रितों के पास यह अर्हता थी उन्हें तो शिक्षक पद पर नियुक्ति दे दी गई, लेकिन तमाम डीएलएड पास मृतक आश्रितों को टीईटी अर्हता न होने के कारण चतुर्थ श्रेणी के पद पर ज्वाइन करना पड़ा। बाद में उन्होंने टीईटी पास कर भी ली.
मुख्य सचिव की हुई बैठक के डेढ़ साल बाद भी उच्च योग्यताधारी मृतक आश्रित कर्मचारियों के शिक्षक पद पर समायोजन के संबंध समुचित कार्रवाई नहीं हो सकी है। लगता है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को इन कार्मिकों की मांग से कोई वास्ता नहीं है।- जुबेर अहमद, प्रदेश अध्यक्ष, हृमृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ
■ बीटेक, एलएलबी, एमबीए, बीसीए, पीएचडी डिग्रीधारी बने हैं चपरासी
■ मृतक आश्रित कोटे से चपरासी बने कर्मी कर रहे हैं उच्च पद की मांग
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