नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का फर्जी फोन कॉल का पता लगाने से संबंधित नया नियम 11 दिसंबर से लागू होगा। पहले इसे एक दिसंबर से लागू किया जाना था।
इस नियम के लागू होने के बाद किसी भी संदेश के शुरुआती सोर्स का पता लगाने में मदद मिल सकेगी।
इससे फर्जी कॉल करने वालों की पहचान उजागर हो सकेगी। साथ ही बैंक धोखाधड़ी जैसी तमाम तरह की ऑनलाइन समस्याओं को झेल रहे मोबाइल फोन धारकों को भी बड़ी राहत मिल सकती है। मैसेज ट्रेसिबिलिटी वाले नए नियम के लागू होने से मोबाइल फोन पर आए संदेशों के भेजने वाले का पता लग सकेगा। इस सिस्टम में बैंकिंग व प्रचार वाले टेलिमार्केटिंग संदेशों को अलग-अलग रखा जा सकेगा। ट्राई ने कहा, इस नियम से नेटबैंकिंग व आधार ओटीपी मिलने में दिक्कत नहीं होगी।
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