Lucknow News : बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में बिना अनुमति के गायब रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई शिक्षक या कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के विद्यालय से गायब पाया जाता है, तो यह उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बनेगा। इसके अलावा संबंधित प्रधानाध्यापकों, खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। विभाग का यह कदम विद्यालयों में कार्य की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य से लिया गया है।सभी अवकाश केवल ऑनलाइन ही होंगे स्वीकृत
शिक्षकों और कर्मचारियों के अवकाश संबंधी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से विभाग ने आदेश दिया है कि अब सभी प्रकार के अवकाश केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकृत किए जाएंगे। अवकाश लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और आपसी मिलीभगत के चलते कई शिक्षक बिना अनुमति के लंबे समय तक अनुपस्थित रहते हैं। इसके चलते शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। निदेशालय स्तर पर कराए गए औचक निरीक्षणों में यह पाया गया कि कई शिक्षक और कर्मचारी स्कूल से गायब रहते हैं। विभाग ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है। हाल ही में न्यायालय में दाखिल कुछ याचिकाओं ने यह भी उजागर किया कि लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षक और कर्मचारी अपने वेतन और अन्य देयकों की मांग कर रहे हैं।
प्रधानाध्यापक, बीएसए और बीईओ की भी जिम्मेदारी होगी तय
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, ऐसी लापरवाही पर कार्रवाई नहीं करने वाले प्रधानाध्यापक, बीएसए और बीईओ को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उनके खिलाफ भी विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षकों और कर्मचारियों को दोबारा कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति केवल मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) के माध्यम से दी जाएगी। इसके तहत अनुपस्थित कर्मचारियों को अपने व्यवहार और काम के प्रति जिम्मेदारी का प्रमाण देना होगा।
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