नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं के बीच अब इस विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का आधिकारिक जवाब सामने आया है। यह जवाब लोकसभा सांसद श्री अरुण कुमार सागर द्वारा लिखे गए पत्र के संदर्भ में दिया गया है।
सांसद अरुण कुमार सागर ने क्या उठाया मुद्दा?
लोकसभा सांसद श्री अरुण कुमार सागर ने अपने पत्र के माध्यम से:
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TET से संबंधित अभ्यर्थियों की समस्याओं को केंद्र सरकार के संज्ञान में लाया
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परीक्षा प्रक्रिया, वैधता और राज्यों में लागू नियमों को लेकर स्पष्टता की मांग की
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शिक्षक भर्ती में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों की ओर ध्यान आकर्षित किया
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का जवाब
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि:
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TET एक राज्य सरकार द्वारा आयोजित परीक्षा है, जिसका संचालन और क्रियान्वयन राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है
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केंद्र सरकार ने केवल राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) के माध्यम से TET से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं
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TET की वैधता, परीक्षा आयोजन और भर्ती प्रक्रिया से जुड़े निर्णय राज्य सरकारें स्वयं लेती हैं
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को आवश्यक मार्गदर्शन और सहयोग उपलब्ध कराती रहती है, ताकि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनी रहे।
अभ्यर्थियों के लिए क्या संकेत?
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TET से जुड़ा कोई भी अंतिम निर्णय राज्य स्तर पर लिया जाएगा
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अभ्यर्थियों को राज्य सरकार और संबंधित परीक्षा प्राधिकरण द्वारा जारी सूचनाओं पर ही भरोसा करना चाहिए
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केंद्र सरकार की भूमिका नीति निर्धारण और मार्गदर्शन तक सीमित है
राजनीतिक और शैक्षिक दृष्टिकोण
विशेषज्ञों का मानना है कि इस जवाब से यह स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि:
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TET को लेकर भ्रम की स्थिति राज्य स्तर पर ही सुलझाई जा सकती है
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सांसदों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सरकार तक अभ्यर्थियों की आवाज जरूर पहुंचती है
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आगे राज्य सरकार पर दबाव बढ़ सकता है कि वह TET से जुड़े मामलों पर स्पष्ट निर्णय ले
