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डाकघर में छोटी बचत योजनाएं, ब्‍याज दरें कम होने से पहले करें निवेश

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 50 बेसिस प्‍वाइंट की कमी करते हुए 7.25 से 6.75 की कमी कर दी है। यह साल में चौथी बार हुआ है जब देश की केन्‍द्रीय बैंकों में ब्‍याज दरों में कमी की गई। भारतीय रिजर्व बैंक भी ऋण लेने वालों को लाभ पर पास करने के लिए बैंकों पर जोर दे रही है। अधिकतर बैंकों ने उधार की ब्‍याज दरों, बैंक में जमा राशि पर ब्‍याज दर के साथ आधाभूत दरों को भी कम कर दिया है।


अब कई छोटी-छोटी बचत योजनाएं, 8.7 प्रतिशत की ब्‍याज दर से चालू की गई हैं जबकि स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया, 8 प्रतिशत की ब्‍याज दर, एफडी पर देती है। हाल में ही, वित्‍ती मंत्री ने कहा कि छोटी बचत जैसे- पीपीएफ और डाकघर जमा; पर ब्‍याज दर को संशोधित किया जाएगा। हालांकि, छोटे बचतों के हित के बारे में विचार किया जा रहा है। छोटी बचत पर ब्‍याज दरें, कम हो गई थी, क्‍योंकि निवेशक, अपनी पूंजी को बैंक से निकालकर, छोटी-छोटी बचत करने में लगाने लगे थे, उन्‍हे ऐसा लगता था कि इस तरह करने से उन्‍हे उच्‍च ब्‍याज मिलेगा और बाद में इसी में लाभ होगा। इससे बैंकों को काफी घाटा हुआ और उन्‍हे समय मिल गया कि वो, छोटे बचत डाकघर योजनाओं की उच्‍च ब्‍याज दरों के बारे में अपनी बात रख सकें और उसके खिलाफ आवाज उठा सकें। इसका मतलब है कि यह लगभग तय है कि डाकघर की छोटी बचत पर ब्‍याज दरें, बैंक जमा ब्‍याज दरों के साथ गठबंधित हो सकती है। घटती ब्‍याज दरें, वृद्धजनों के निवेश पर नकारात्‍मक प्रभाव डालेगी। छोटी बचत योजनाएं, वृद्धजनों के बीच काफी लोकप्रिय होती हैं और इनमें खतरे का भय भी न के बराबर होता है। साथ ही साथ कर में भी लाभ मिलता है। कई लोग, छोटी बचत योजनाओं में ही निवेश करना पसंद करते हैं। जो लोग बहुत ज्‍यादा छोटी-छोटी बचतों में निवेश करते हैं वे एक बार फिर से विचार कर सकते हैं कि उन्‍हे ऐसा करना चाहिए या नहीं। नए निवेशक, अपने जोखिम उठाने की क्षमता, आयु, वित्‍तीय लक्ष्‍यों और कर निहितार्थ को ध्‍यान में रखते हुए अपने निवेश में फेरबदल कर सकते हैं। वर्तमान समय में डाकघर की योजनाओं में सबसे अच्‍छी योजना, किसान विकास पत्र हैं जो कि 8 वर्ष और 7 माह की अवधि के लिए होते हैं; वहीं एनएससी की अवधि 5 और 10 साल होती है। इन पर ब्‍याज प्रति वर्ष बदलता नहीं है। पीपीएफ, सुकन्‍या समृद्धि योजना, वृद्धजन बचत योजना और डाकघर मासिक आय योजना की ब्‍याज दरें, सरकार के द्वारा बदली जा सकती हैं। हालांकि, अगर आप इनमें निवेश करते हैं तो आपका धन लॉक हो जाता है और आपकी अचछी खासी बचत हो जाती है; जो कि अन्‍य में संभव नहीं हो पाता है।

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