लखनऊ। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को गुणवत्तायुक्त
मध्याह्न भोजन देने में लगे अक्षयपात्र फाउंडेशन की केंद्रीकृत रसोई का
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को उद्घाटन किया। सरोजनीनगर ब्लॉक के
अमौसी गांव में दो एकड़ में बनी रसोई की मुख्यमंत्री ने तारीफ की।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों का ध्यान भोजन पर रहता था। ऐसे में गुणवत्तायुक्त भोजन करने के बाद बच्चों का ध्यान पढ़ाई में ज्यादा लगेगा और वे मेधावी बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर सभी का आभार व्यक्त किया और विकास में सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने सरकार को विकासशील सरकार की संज्ञा दी और कहा, मुख्यमंत्री के प्रयास और अक्षयपात्र संस्था के सहयोग से हम बच्चों को पौष्टिक व गुणवत्तायुक्त भोजन देने में सफल हो पाए हैं। उन्होंने राजधानी के साथ वाराणसी, कानपुर, कन्नौज व इटावा में संस्था को भोजन देने की जिम्मेदारी देने की बात भी कही। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि 2013 में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रसोई का शिलान्यास किया था और इतने कम समय में इसका निर्माण होना मुख्यमंत्री के विकास एजेंडे को दर्शाता है। मुख्य सचिव ने कहा कि संस्था का आइबीआरएस सिस्टम किस स्कूल में भोजन बंटा और कहा नहीं बंटा है इसकी जानकारी आसानी से दे देता है।
वाई-फाई से नहीं भरेगा पेट
मुख्यमंत्री ने वाई-फाई के नाम पर केंद्र सरकार पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि वाई-फाई से पेट नहीं भरता। हमारी सरकार ने सभी को दो जून के भोजन के लिए समाजवादी पेंशन योजना का संचालन किया और लैपटॉप का वितरण किया। रोजगार के अवसरों के साथ ही नए उद्योगों को लगाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
बसपा-सपा में सांप नेवले का खेल
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने सरकार के इस प्रयास की सराहना की और मथुरा वृंदावन में संस्था की ओर से बनाए जा रहे विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के लिए वन विभाग की जमीन आवंटित करने और संस्था को रसोई निर्माण के लिए 20 करोड़ प्रति रसोई का बजट देने की मांग भी की। उन्होंने तीन साल पूरे होने पर बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा जीरो अंक दिए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि बसपा और सपा में सांप-नेवले का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री विकास के एजेंड पर चल रहे हैं, लेकिन कानून व्यवस्था कहीं न कहीं विकास में बाधा पहुंचा रही है।
एक लाख का लक्ष्य
अक्षयपात्र फाउंडेशन के उपाध्यक्ष चंचलापति दास ने कहा कि स्टीम सिस्टम से गुणवत्तायुक्त भोजन का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में राजधानी के 109 स्कूलों में 11800 बच्चों को भोजन दिया जा रहा है। नए सत्र से 690 स्कूलों के एक लाख बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन देने का लक्ष्य है। अत्याधुनिक संसाधनों से लैस इस रसोई में दो घंटे में 60 हजार रोटियां बनाने की क्षमता है। इतने ही समय में 10 हजार लीटर दाल और सात टन चावल पकाया जा सकता है। रसोई में करीब 550 कर्मचारी काम करेंगे।
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उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों का ध्यान भोजन पर रहता था। ऐसे में गुणवत्तायुक्त भोजन करने के बाद बच्चों का ध्यान पढ़ाई में ज्यादा लगेगा और वे मेधावी बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर सभी का आभार व्यक्त किया और विकास में सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने सरकार को विकासशील सरकार की संज्ञा दी और कहा, मुख्यमंत्री के प्रयास और अक्षयपात्र संस्था के सहयोग से हम बच्चों को पौष्टिक व गुणवत्तायुक्त भोजन देने में सफल हो पाए हैं। उन्होंने राजधानी के साथ वाराणसी, कानपुर, कन्नौज व इटावा में संस्था को भोजन देने की जिम्मेदारी देने की बात भी कही। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि 2013 में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रसोई का शिलान्यास किया था और इतने कम समय में इसका निर्माण होना मुख्यमंत्री के विकास एजेंडे को दर्शाता है। मुख्य सचिव ने कहा कि संस्था का आइबीआरएस सिस्टम किस स्कूल में भोजन बंटा और कहा नहीं बंटा है इसकी जानकारी आसानी से दे देता है।
वाई-फाई से नहीं भरेगा पेट
मुख्यमंत्री ने वाई-फाई के नाम पर केंद्र सरकार पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि वाई-फाई से पेट नहीं भरता। हमारी सरकार ने सभी को दो जून के भोजन के लिए समाजवादी पेंशन योजना का संचालन किया और लैपटॉप का वितरण किया। रोजगार के अवसरों के साथ ही नए उद्योगों को लगाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
बसपा-सपा में सांप नेवले का खेल
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने सरकार के इस प्रयास की सराहना की और मथुरा वृंदावन में संस्था की ओर से बनाए जा रहे विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के लिए वन विभाग की जमीन आवंटित करने और संस्था को रसोई निर्माण के लिए 20 करोड़ प्रति रसोई का बजट देने की मांग भी की। उन्होंने तीन साल पूरे होने पर बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा जीरो अंक दिए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि बसपा और सपा में सांप-नेवले का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री विकास के एजेंड पर चल रहे हैं, लेकिन कानून व्यवस्था कहीं न कहीं विकास में बाधा पहुंचा रही है।
एक लाख का लक्ष्य
अक्षयपात्र फाउंडेशन के उपाध्यक्ष चंचलापति दास ने कहा कि स्टीम सिस्टम से गुणवत्तायुक्त भोजन का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में राजधानी के 109 स्कूलों में 11800 बच्चों को भोजन दिया जा रहा है। नए सत्र से 690 स्कूलों के एक लाख बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन देने का लक्ष्य है। अत्याधुनिक संसाधनों से लैस इस रसोई में दो घंटे में 60 हजार रोटियां बनाने की क्षमता है। इतने ही समय में 10 हजार लीटर दाल और सात टन चावल पकाया जा सकता है। रसोई में करीब 550 कर्मचारी काम करेंगे।
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