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फिर भड़केगी आरक्षण की चिंगारी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

पदोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर बसपा के रुख पर सबकी निगाहें लगी हैं। रविवार को मायावती द्वारा अचानक पत्रकार वार्ता आहूत करने को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सियासी रूप से हाशिए पर पहुंची बसपा इस पर बड़ा एलान कर सकती हैं।
यूं भी दलितों को साधे रखना बसपा की पहली वरीयता है, क्योंकि गत लोकसभा और कई प्रदेशों में हुए चुनाव में अनुसूचित वर्ग के वोटरों में जागा भाजपा प्रेम पार्टी के लिए खतरे की घंटी बना हुआ है। वैसे तो बसपा प्रमुख 14 अप्रैल को अंबेडकर जंयती के बाद 15 अप्रैल को पार्टी कोआर्डिनेटरों की बैठक कर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की घोषणा करने वाली थी, लेकिन इस बीच पदोन्नति में आरक्षण पाए कर्मियों को पदावनत किए जाने संबंधी आदेश के जारी होने से मायावती को राज्य के साथ ही केंद्र सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पदोन्नति में आरक्षण के मसले को लेकर एक बार फिर तनातनी के हालात पैदा हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा जारी पदावनत शासनादेश पर आरक्षण विरोधी व समर्थक आमने-सामने हैं। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए पदावनति से रिक्त पदों को सामान्य व पिछड़ा वर्ग से भरने की मांग की। वहीं आरक्षण समर्थकों ने आरपार की लड़ाई का एलान करते हुए छह अप्रैल को काली पट्टी बांध सिंचाई विभाग मुख्यालय पर गेट मीटिंग करने का फैसला किया है।1सर्वजन हिताय संरक्षण समिति की शैलेंद्र दुबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य सरकार के फैसले की सराहना की गई।
दुबे ने इसी तरह का शासनादेश समस्त विभागों व निगमों में लागू कराने की मांग की। उन्होंने बताया कि पदावनति होने से रिक्त पदों पर एकल वरिष्ठता सूची के आधार पर कर्मियों को पदोन्नत करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। उनका कहना था कि सरकार ने केवल प्रमुख सचिव सिंचाई को पदावनत आदेश जारी किया है, जबकि यह प्रकरण सभी विभागों व निगमों के लिए है।
बैठक में डीसी दीक्षित, कायम रजा रिजवी, वाइएन उपाध्याय, एचएन पांडेय, एसआर सोनी, देवेंद्र द्विवेदी, हरदेव सिंह यादव, यूपी सिंह, एसपी सिंह व कमलेश मिश्र आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
उधर, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल की बैठक में शनिवार को राज्य सरकार द्वारा पदावनत के आदेश जारी करने पर आक्रोश व्यक्त किया गया।
फील्ड हास्टल में एकत्रित कर्मचारी नेताओं ने पदोन्नति में आरक्षण को गंभीर मुद्दा करार देते हुए सरकार के फैसले पर आरपार की लड़ाई लड़ने का एलान किया।
संयोजक मंडल के अवधेश वर्मा ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण जब बिहार सहित कई राज्यों में लागू हो सकती है तो उत्तर प्रदेश सरकार को एतराज क्यों है।
समिति ने एकमत होकर सरकार के निर्णय का डटकर करो या मरो अंदाज में विरोध करने का फैसला किया।
प्रथम चरण में छह अप्रैल को पूरे प्रदेश में आरक्षण समर्थक काली पट्टी बांधेंगे। छह अप्रैल को ही सिंचाई विभाग मुख्यालय के गेट पर मीटिंग में आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। बैठक में केबी राम, आरपी केन, रामशब्द जैसवारा, रामबिरज रावत, अनिल कुमार, रीना रजक एवं श्याम लाल ने विचार व्यक्त किए। संयोजक अवधेश वर्मा ने बताया कि आरक्षण समर्थक आंदोलन का पिछड़ा वर्ग महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार मौर्य ने भी समर्थन किया है।
भाजपा व अन्य दलों ने मौन साधा : पदोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर भाजपा, कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल खुल बोलने से कतरा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।
पार्टी प्रवक्ता मनोज मिश्र ने केंद्र से इस बाबत कोई निर्देश मिलने के बाद ही कुछ कहने की बात कही।
कांग्रेस की स्थिति भी कमोवेश यही है। प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री से संपर्क नहीं हो सका वहीं प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने सीधे बयान से इन्कार किया।
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