जागरण संवाददाता, वाराणसी : शिक्षामित्रों के समायोजन रद करने संबंधी हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से शिक्षामित्रों ने राहत की सांस ली है। शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने कहा कि अब वह 12 दिसंबर को काशी आ रहे प्रधानमंत्री को नहीं घेरेंगे। इतना ही नहीं सूबे के विभिन्न जनपदों ने बनारस आ रहे शिक्षामित्रों को भी रोक दिया गया है। इसके लिए उन्हें फोन कर बताया जा रहा है। अब संघ का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिलने के प्रयास में जुटा हुआ है ताकि उन्हें बधाई दिया जा सके। इतना ही नहीं शिक्षामित्र प्रधानमंत्री से मिलकर पूर्ण शिक्षक बनाने का भी अनुरोध करेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन को पत्र भी दिया जा चुका है। 1सूबे के परिषदीय विद्यालयों में करीब 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन दो चरणों में किया गया था। जनपद में अगस्त 2014 में करीब 640 व मई 2015 में 670 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया था। इसी बीच हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराते हुए खारिज कर दिया था। समायोजन खारिज होते ही पूरे सूबे में शिक्षा मित्र आंदोलित हो उठे। करीब दो दर्जन से अधिक शिक्षमित्रों ने आत्महत्या तक कर ली थी। आदर्श शिक्षामित्र-शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन सड़कों पर उतर आया। 1 12 सितंबर को हजारों शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय को घेर लिया। प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पर शिक्षामित्रों का धरना-प्रदर्शन लगभग एक सप्ताह तक चला। इतना ही नहीं 18 सितंबर को प्रधानमंत्री मिलने के लिए शिक्षामित्र अड़ गए। आक्रोश को देखते हुए शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल को डीरेका में प्रधानमंत्री से मिलने की अनुमति दे दी गई। प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने आंदोलन स्थगित कर दिया। दूसरी ओर अब उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ आंदोलन कर रहा था। इतना ही नहीं संघ काशी में प्रधानमंत्री को घेरने का एलान भी कर चुका था। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब शिक्षामित्रों का रूख बदल गया है। 1आदर्श शिक्षामित्र-शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अमरेंद्र दुबे व उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के मंडल महामंत्री विजय गौरव ने कहा कि अब केंद्र सरकार को कोई विरोध नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री को बधाई देने के लिए मिलेगा प्रतिनिधि मंडल , सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद बदला शिक्षामित्रों का रुख
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उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने कहा कि अब वह 12 दिसंबर को काशी आ रहे प्रधानमंत्री को नहीं घेरेंगे। इतना ही नहीं सूबे के विभिन्न जनपदों ने बनारस आ रहे शिक्षामित्रों को भी रोक दिया गया है। इसके लिए उन्हें फोन कर बताया जा रहा है। अब संघ का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिलने के प्रयास में जुटा हुआ है ताकि उन्हें बधाई दिया जा सके। इतना ही नहीं शिक्षामित्र प्रधानमंत्री से मिलकर पूर्ण शिक्षक बनाने का भी अनुरोध करेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन को पत्र भी दिया जा चुका है। 1सूबे के परिषदीय विद्यालयों में करीब 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन दो चरणों में किया गया था। जनपद में अगस्त 2014 में करीब 640 व मई 2015 में 670 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया था। इसी बीच हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराते हुए खारिज कर दिया था। समायोजन खारिज होते ही पूरे सूबे में शिक्षा मित्र आंदोलित हो उठे। करीब दो दर्जन से अधिक शिक्षमित्रों ने आत्महत्या तक कर ली थी। आदर्श शिक्षामित्र-शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन सड़कों पर उतर आया। 1 12 सितंबर को हजारों शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय को घेर लिया। प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पर शिक्षामित्रों का धरना-प्रदर्शन लगभग एक सप्ताह तक चला। इतना ही नहीं 18 सितंबर को प्रधानमंत्री मिलने के लिए शिक्षामित्र अड़ गए। आक्रोश को देखते हुए शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल को डीरेका में प्रधानमंत्री से मिलने की अनुमति दे दी गई। प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने आंदोलन स्थगित कर दिया। दूसरी ओर अब उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ आंदोलन कर रहा था। इतना ही नहीं संघ काशी में प्रधानमंत्री को घेरने का एलान भी कर चुका था। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब शिक्षामित्रों का रूख बदल गया है। 1आदर्श शिक्षामित्र-शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अमरेंद्र दुबे व उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के मंडल महामंत्री विजय गौरव ने कहा कि अब केंद्र सरकार को कोई विरोध नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री को बधाई देने के लिए मिलेगा प्रतिनिधि मंडल , सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद बदला शिक्षामित्रों का रुख
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