इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय यशवंत
चंद्रचूड़ ने कहा है कि कानून एक विस्तृत विषय है और ज्ञान प्राप्त करना एक
अनवरत प्रक्रिया है। इसलिए मुकदमों का निस्तारण करने के
दौरान भी न्यायाधीश सीखते ही रहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश शुक्रवार को न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में नव नियुक्त सिविल जजों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश ने नवनियुक्त सिविल जजों को सीख देते हुए कहा कि निचली अदालत ही सबसे पहले जनता केसंपर्क में आती है इसलिए अपने दायित्वों का निर्वाह ईमानदारी व अनुशासित रहते हुए करना चाहिए।
न्यायाधीशों को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक श्रोता के रूप में रहना चाहिए। प्रशिक्षण के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायाधीश प्रशिक्षण के दौरान आपस में अनुभवों का आदान-प्रदान करके एक दक्ष एवं कुशल न्यायिक अधिकारी बन सकते हैं।
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दौरान भी न्यायाधीश सीखते ही रहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश शुक्रवार को न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में नव नियुक्त सिविल जजों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश ने नवनियुक्त सिविल जजों को सीख देते हुए कहा कि निचली अदालत ही सबसे पहले जनता केसंपर्क में आती है इसलिए अपने दायित्वों का निर्वाह ईमानदारी व अनुशासित रहते हुए करना चाहिए।
न्यायाधीशों को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक श्रोता के रूप में रहना चाहिए। प्रशिक्षण के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायाधीश प्रशिक्षण के दौरान आपस में अनुभवों का आदान-प्रदान करके एक दक्ष एवं कुशल न्यायिक अधिकारी बन सकते हैं।
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