राज्य सरकार ने 10 फरवरी तक समायोजित शिक्षामित्रों को वेतन देने का
आदेश दिया था, मगर अभी तक करीब 40 फीसदी शिक्षामित्रों को पूरी धनराशि का
भुगतान नहीं किया गया है।
इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि जहां भी बीएसए और लेखाधिकारी की लापरवाही के कारण ऐसी स्थिति बनी है, वहां इन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
सूबे में 1 लाख 32 हजार 442 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया है। पिछले साल 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने इनके समायोजन को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया था।
लेकिन, 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर स्टे दे दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने तीन महीने के रुके वेतन के साथ समायोजित शिक्षामित्रों को भुगतान के आदेश दिए। इसके लिए 10 फरवरी तक का समय दिया गया था। इस बाबत बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त अधिकारी ने भी सभी जिलों में तैनात लेखाधिकारियों को निर्देश जारी किए थे।
इसके बावजूद मिर्जापुर, भदोही, फतेहपुर, बदायूं, शाहजहांपुर, चंदौली, बाराबंकी, वाराणसी और आजमगढ़ समेत करीब 35 जिले ऐसे हैं जहां करीब 52 हजार शिक्षामित्रों को सितंबर से नवंबर तक के रुके वेतन का भुगतान नहीं हुआ है।
शिक्षामित्र संगठनों का कहना है कि जिले के अफसर उगाही के चक्कर में जानबूझकर भुगतान में देरी कर रहे हैं।
इस सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल ने कहा, समायोजित शिक्षामित्रों को भुगतान के लिए कुछ जिलों में धन की कमी थी, जिसे जारी कर दिया गया है। जल्द ही सभी को भुगतान हो जाएगा। अगर किसी भी जिले में यह पाया गया कि बजट होने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
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इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि जहां भी बीएसए और लेखाधिकारी की लापरवाही के कारण ऐसी स्थिति बनी है, वहां इन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
सूबे में 1 लाख 32 हजार 442 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया है। पिछले साल 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने इनके समायोजन को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया था।
लेकिन, 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर स्टे दे दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने तीन महीने के रुके वेतन के साथ समायोजित शिक्षामित्रों को भुगतान के आदेश दिए। इसके लिए 10 फरवरी तक का समय दिया गया था। इस बाबत बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त अधिकारी ने भी सभी जिलों में तैनात लेखाधिकारियों को निर्देश जारी किए थे।
इसके बावजूद मिर्जापुर, भदोही, फतेहपुर, बदायूं, शाहजहांपुर, चंदौली, बाराबंकी, वाराणसी और आजमगढ़ समेत करीब 35 जिले ऐसे हैं जहां करीब 52 हजार शिक्षामित्रों को सितंबर से नवंबर तक के रुके वेतन का भुगतान नहीं हुआ है।
शिक्षामित्र संगठनों का कहना है कि जिले के अफसर उगाही के चक्कर में जानबूझकर भुगतान में देरी कर रहे हैं।
इस सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल ने कहा, समायोजित शिक्षामित्रों को भुगतान के लिए कुछ जिलों में धन की कमी थी, जिसे जारी कर दिया गया है। जल्द ही सभी को भुगतान हो जाएगा। अगर किसी भी जिले में यह पाया गया कि बजट होने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
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