राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : नियुक्ति, प्रमोशन, तबादला और
सेवानिवृत्ति शिक्षक की नौकरी का यही फलसफा है। नौकरी के पहले चरण से लेकर
अंतिम पायदान तक पहुंचने में इन्हीं को पाने और छोड़ने में उन्हें
मुश्किलें भी आती हैं।
सूबे में एक नहीं हजारों ऐसे शिक्षक हैं जिनका वर्षो से
प्रमोशन एवं तबादला अटका है। खास बात यह है कि इन सारी समस्याओं का निदान
भी विभाग ने खोज लिया है, लेकिन उसे अभी लागू नहीं किया जा सका है।
निदेशालय से लेकर शिक्षकों तक की निगाहें अब शासन पर टिक गई हैं।
प्रदेश के राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड (स्नातक) शिक्षकों
की नियुक्ति का पैटर्न दुरुस्त न होने से उन्हें कदम-कदम पर कठिनाईयों से
दो-चार होना पड़ रहा है। इसे समझने के लिए बहुत पीछे जाने की जरूरत नहीं
है, बल्कि 6645 एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति को देखकर ही इसका अंदाजा
लगाया जा रहा सकता है।
कई प्रयासों के बाद भी भर्ती पूरा होना छोड़िए आधे पद भी
नहीं भरे जा सके हैं। यदि नियुक्ति हो भी जाए तो इन शिक्षकों को प्रमोशन,
तबादला और बाद में सेवानिवृत्त होने पर देयक पाने के लिए जूझना होगा। इस
भर्ती से सबक सीखकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने राज्य स्तर पर एलटी
ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति करने का खाका खींचा है।
इसमें नियुक्ति अधिकारी मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशक
के बजाए माध्यमिक शिक्षा निदेशक या अपर निदेशक होगा। इस प्रस्ताव को
अनुमोदन के लिए शासन को भेजा गया है, सभी अफसर नए प्रस्ताव से सहमत भी हैं,
फिर भी उसे अमल में लाने में देरी हो रही है।
👉अब तक यह व्यवस्था
प्रदेश में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती मंडल स्तर पर
संयुक्त शिक्षा निदेशक कर रहे हैं। सभी 18 मंडलों की ओर से विज्ञापन जारी
होने पर युवा चयनित मंडलों में आवेदन करते हैं।
इससे भर्ती प्रक्रिया लंबे समय तक चलती है। नियुक्ति पाने के
बाद शिक्षक यदि दूसरे मंडल में गए तो वह वरिष्ठता में सबसे नीचे हो जाते
हैं। प्रमोशन पाने के लिए भी मंडल से सूची मुख्यालय पर भेजी जाती है। अंत
में वरिष्ठता व प्रमोशन का पेंच फंसता है।
राजकीय कालेज के एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति राज्य स्तर
पर होने से पूरे संवर्ग को लाभ होगा, भर्ती पारदर्शी रहेगी और प्रमोशन,
तबादला आदि का झंझट खत्म हो जाएगा। इस पर शासन की मुहर लगने का इंतजार है।’
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