नौकरी मुश्किल : शिक्षक के पद फुल, भर्ती के लिए लाठी खा रहे बेरोजगारों, बीटीसी वालों को करना होगा इंतजार

इलाहाबाद। यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में टीचरी पाने के लिए लाठी खाने वाले बेरोजगारों को यह नौकरी मिलने की दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं है। प्रदेशभर के युवा चाहे जितने आंदोलन कर लें लेकिन आज की तारीख में हकीकत यह है कि कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में पद खाली ही नहीं है।सरकार ने कोर्ट में दाखिल एक याचिका में हलफनामा देकर वर्तमान स्थिति साफ की है। हलफनामे के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 3,14,131 पद सृजित हैं। इनमें से 2,71,373 सहायक अध्यापक वर्तमान में कार्यरत हैं। इस लिहाज से 42,758 पद ही खाली हैं। 31 मार्च 2016 को रिटायर लगभग 10 हजार शिक्षकों के पद इसमें जोड़ दिए जाएं तो रिक्त पदों की संख्या 53 हजार के आसपास पहुंच जाएगी। वहीं दूसरी ओर 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती चल रही है। 27 हजार के आसपास शिक्षामित्रों का समायोजन होना बाकी है। जबकि तकरीबन 12 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों को भी नियुक्ति दी जानी है। इस तरह लगभग 54 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। ऐसे में बीएड और टीईटी डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात तो दूर बीटीसी, बीएलएड और डीएड (स्पेशल एजुकेशन) की भर्ती होना ही मुश्किल है जो कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना के अनुसार नियुक्ति के पहले हकदार हैं।
बीटीसी वालों को करना होगा इंतजार : बीटीसी ट्रेनिंग कर रहे युवाओं को लंबा इंतजार करना होगा। वर्तमान में प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पद लगभग भर चुके हैं। 2014 बैच में बीटीसी में 54 हजार छात्र-छात्रओं ने दाखिला लिया है जबकि 2015 सत्र में 75 हजार के आसपास प्रवेश होगा। इतनी बड़ी संख्या में बीटीसी डिग्रीधारियों को नौकरी मिलना मुश्किल होगा क्योंकि हर साल 10-12 हजार पद ही रिटायरमेंट से खाली होते हैं।
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