अंबेडकरनगर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर
बड़े पैमाने पर हुई धांधली की परतें खुलने लगी हैं। भीटी तहसील क्षेत्र की
ग्राम पंचायत सराय जंगल में मतदाता सूची अद्यतन किए जाने के नाम पर बीएलओ
की ड्यूटी पर तैनात परिषदीय शिक्षक ने जमकर फर्जीवाड़ा किया।
मामले की शिकायत पर जांच के बाद दोषी शिक्षक को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया है। यहां 85 से अधिक मतदाता बनाए जाने तथा नाम काटने की खामी पकड़ी गई है। जबकि चुनाव के दौरान रनर रहा प्रत्याशी महज 24 मतों से पराजित हो गया।
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए मतदान कराया गया था। चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुसार मतदाता सूची में परिवर्धन तथा अपमार्जन की कवायद हुई थी। लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग के रामनगर शिक्षाक्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मरौचा में तैनात शिक्षामित्र से शिक्षक पद पर समायोजित संतोष कुमार को भीटी तहसील के उक्त गांव में बीएलओ नियुक्त किया गया था। लिहाजा उक्त बीएलओ ने मतदाता सूची में परिवर्धन तथा अपमार्जन के दौरान व्यापक स्तर पर गड़बड़ी करते हुए बाहरी मतदाताओं को गांव की सूची में शामिल ही नहीं किया अपितु गांव के निवासी मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित करने के लिए मनमाने तौर पर सूची से नाम काट दिया।
खास बात रही कि मतदाता सूची में गड़बड़ी की जानकारी ग्रामीणों को मतदान से ठीक एक दिन पहले देरशाम हुई। ऐसे में अधिकारियों से इसकी शिकायत होने के बाद भी मतदाताओं को उनका अधिकार हासिल नहीं हो सका। मामले में लक्ष्मन वर्मा समेत गांव के 23 ग्रामीणों ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से मामले की शिकायत की। इसमें बीएलओ पर 21 नाबालिगों को मतदाता बनाए जाने के साथ ही चार बाहरी लोगों को, पांच विवाहिता गांव की बेटियों को गांव की सूची में अवैधानिक तरीके से शामिल करने का आरोप लगाया गया है। जबकि सात गांव के निवासियों को बाहर शादी होना दर्शाकर सूची से हटा दिया गया। प्रकरण की जांच के दौरान भीटी के नायब तहसीलदार ने काछासारी पट्टी निवासी दो लड़कियों के विवाहित नहीं होने की पुष्टि की। जबकि बीएलओ ने इन्हें विवाहित दिखाकर मतदाता सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। गांव में निवास करने वाली एक गृहणी को भी बीएलओ ने पलायन दिखा दिया था। नायब तहसीलदार की आख्या के आधार पर बीएलओ नियुक्त शिक्षक संतोष श्रीवास्तव को दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए एसडीएम एसपी सिंह ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी। डीएम विवेक के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जेएन सिंह ने आरोप शिक्षक को चुनाव कार्य में अनियमितता करने के आरोप में निलंबित कर दिया है।
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मामले की शिकायत पर जांच के बाद दोषी शिक्षक को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया है। यहां 85 से अधिक मतदाता बनाए जाने तथा नाम काटने की खामी पकड़ी गई है। जबकि चुनाव के दौरान रनर रहा प्रत्याशी महज 24 मतों से पराजित हो गया।
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खास बात रही कि मतदाता सूची में गड़बड़ी की जानकारी ग्रामीणों को मतदान से ठीक एक दिन पहले देरशाम हुई। ऐसे में अधिकारियों से इसकी शिकायत होने के बाद भी मतदाताओं को उनका अधिकार हासिल नहीं हो सका। मामले में लक्ष्मन वर्मा समेत गांव के 23 ग्रामीणों ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से मामले की शिकायत की। इसमें बीएलओ पर 21 नाबालिगों को मतदाता बनाए जाने के साथ ही चार बाहरी लोगों को, पांच विवाहिता गांव की बेटियों को गांव की सूची में अवैधानिक तरीके से शामिल करने का आरोप लगाया गया है। जबकि सात गांव के निवासियों को बाहर शादी होना दर्शाकर सूची से हटा दिया गया। प्रकरण की जांच के दौरान भीटी के नायब तहसीलदार ने काछासारी पट्टी निवासी दो लड़कियों के विवाहित नहीं होने की पुष्टि की। जबकि बीएलओ ने इन्हें विवाहित दिखाकर मतदाता सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। गांव में निवास करने वाली एक गृहणी को भी बीएलओ ने पलायन दिखा दिया था। नायब तहसीलदार की आख्या के आधार पर बीएलओ नियुक्त शिक्षक संतोष श्रीवास्तव को दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए एसडीएम एसपी सिंह ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी। डीएम विवेक के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जेएन सिंह ने आरोप शिक्षक को चुनाव कार्य में अनियमितता करने के आरोप में निलंबित कर दिया है।
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