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UP Election 2017 : इन कारणों से सपा सरकार हो सकती हैं सत्ता से दूर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को तकरीबन एक साल का समय बचा है। इसका डर अब सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सताने लगा है। सपा सरकार को डर हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी में दोबारा सत्ता में आना बड़ी चुनौती न बन जाये।
हालांकि अखिलेश सरकार का दावा है कि चुनाव में समीकरण भले ही कुछ भी बनें, लेकिन काम में कोई भी दल उनका मुकाबला नहीं कर सकता। उनका दावा है कि अपने काम के बलबूते वे दोबारा सत्ता में वापसी करेंगे। लेकिन हाल फिलहाल के राजनैतिक समीकरण उनके दावे को कमजोर करते हैं।

जिस तरह से सपा सरकार में बेरोजगारी बढ़ी है और कई नियुक्तियों को रद्द किया गया है, उससे युवाओं और खासकर बेरोजगार युवाओं में रोष है। साथ ही बिहार चुनाव के बाद देश की राजनीति में गठबंधन की राजनीति ने एक बार फिर से अपने पैर पसारने शुरु कर दिए है। ऐसी कुछ चुनौतियों पर नजर डालते हैं, जिसका प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में सामना करना पड़ सकता है।

* ध्वस्त कानून व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में जिस तरह से कानून व्यवस्था चरमरा गयी है वह सपा के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है।

* गांवों और अन्य शहरों में बिजली की समस्या


यूपी के चुनिंदा शहरों को छोड़ दें तो बड़ी संख्या में शहरों में 8 से 10 घंटे की बिजली की कटौती हो रही है, साथ ही गांवों में बिजली का ना होगा सपा सरकार के लिए चुनौती है।

* परिवारवाद को बढ़ावा

सपा में जिस तरह से तकरीबन पूरा परिवार राजनीति में है उसका पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

* कई नौकरियों पर लगी रोक

शिक्षा मित्रों का विवाद, पुलिस में की गयी भर्ती पर रोक सहित कई नौकरियां जो रद्द की गयी हैं उससे युवाओं में रोष है।

* मुस्लिमों का राजनीतिकरण

मुस्लिम समुदाय उनके साथ हो रही राजनीति को बेहतर परिपक्वता से समझ रहा है ऐसे में सपा के लिए मुस्लिमों को साधना कठिन होगा।

* मुजफ्फरनगर सहित कई दंगों की आग

मुजफ्फरनगर सहित दादरी और सैकड़ों दंगें प्रदेश में सांप्रदायिकता का जहर घोल रहे हैं जिसपर काबू नहीं पाना सपा असफलता को दर्शाते हैं।

* दलितों पर मायावती की पकड़

दलित वोटों पर अब भी बसपा अपनी पकड़ बनाये हुए है और सपा की दूरी उन्हें सत्ता से भी दूर कर सकती है।

* असदुद्दीन ओवैसी की चुनौती

मुस्लिमों के वोटों में सेंध लगाने के ओवैसी पहले ही ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में सपा के सामने ओवैसी की पार्टी भी बड़ी चुनौती है।

* गठबंधन राजनीति की चुनौती

बिहार की तर्ज पर यूपी में गठबंधन की राजनीति जगह बना सकती है ऐसे में सपा की महागठबंधन से दूरी महंगी पड़ सकती है।

* बेरोजगारी की समस्या


प्रदेश में जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ रही है वह सपा को 2017 में सत्ता से बाहर करा सकती है।
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