बहुत दिनों से एक चर्चा सोशल मीडिया पर सभी के द्वारा की जा रही थी कि नए विज्ञापन को भी बहाल करा लिया जाए लेकिन केवल और केवल हिमान्शु राणा टीम इसके विरुद्ध रही उसका कारन ये है कि जब sanctioned पोस्ट सरकार द्वारा दामादों को दे दिए गए हैं तो कहाँ से नए 72825 की बात हो सकती है ?
जब तक sanctioned पोस्ट्स को आप खाली नहीं कराएंगे तब तक नया विज्ञापन क्या आगे की बात भी करना बेकार है ।
मेरी पिछली पोस्ट्स में आप बेसिक एजुकेशन बोर्ड के हलफनामे में दिखाए गए पदों का अवलोकन करें और फिर भाँपे कि क्या धरातल पर नया विज्ञापन टिकता है ?
हालाँकि हमारे अधिवक्ता लखनऊ से आये 21 जुलाई 2015 के हलफनामे पर rely करेंगे लेकिन हर दृष्टि से हमें केस को देखना होगा ।
जिस याचिका की मैं बात कर रहा हूँ वो स्वयं दीपक मिश्रा जी द्वारा खारिज की गई है अब इसका महत्व ओर भी तरह से लिया जा सकता है जो कि डीपी ने आपको बताया भी था कि बारम्बार एक ही मुद्दे को आप लेकर जा रहे है तो क्या वे irritate नहीं होंगे जबकि अब मूड में है पहले एसएम सुनेंगे और फिर शिक्षक भर्ती का यानी 27 जुलाई के लिए वे पूरी तरह से मामले को डब्बे में बंद कर चुके हैं और अब उसमे बिना कुछ घटाए बढ़ाये मामले को निस्तारित करना चाहते हैं तो क्यों नेतागीरी की महत्वकांशा लिए बार बार कोर्ट के सामने न्यायमूर्ति को irritate करने के मकसद से क्यों जा रहे हो ?
समझदार लोग समझ जाएं बाकी 27 जुलाई का वेट करें कृपा करके मामले को फंसाये नहीं।
आपका कार्यकर्ता
हिमान्शु राणा
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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मेरी पिछली पोस्ट्स में आप बेसिक एजुकेशन बोर्ड के हलफनामे में दिखाए गए पदों का अवलोकन करें और फिर भाँपे कि क्या धरातल पर नया विज्ञापन टिकता है ?
हालाँकि हमारे अधिवक्ता लखनऊ से आये 21 जुलाई 2015 के हलफनामे पर rely करेंगे लेकिन हर दृष्टि से हमें केस को देखना होगा ।
जिस याचिका की मैं बात कर रहा हूँ वो स्वयं दीपक मिश्रा जी द्वारा खारिज की गई है अब इसका महत्व ओर भी तरह से लिया जा सकता है जो कि डीपी ने आपको बताया भी था कि बारम्बार एक ही मुद्दे को आप लेकर जा रहे है तो क्या वे irritate नहीं होंगे जबकि अब मूड में है पहले एसएम सुनेंगे और फिर शिक्षक भर्ती का यानी 27 जुलाई के लिए वे पूरी तरह से मामले को डब्बे में बंद कर चुके हैं और अब उसमे बिना कुछ घटाए बढ़ाये मामले को निस्तारित करना चाहते हैं तो क्यों नेतागीरी की महत्वकांशा लिए बार बार कोर्ट के सामने न्यायमूर्ति को irritate करने के मकसद से क्यों जा रहे हो ?
समझदार लोग समझ जाएं बाकी 27 जुलाई का वेट करें कृपा करके मामले को फंसाये नहीं।
आपका कार्यकर्ता
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