इलाहाबाद : एक मंडल में दस वर्षो से जमे खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) दूसरे मंडलों में नवीन तैनाती स्थलों पर नहीं जा रहे हैं। ऐसे बीईओ पर सख्त कार्रवाई करने के लिए शासन ने झंडी दे दी है। आदेश न मानने वाले बीईओ को 26 जुलाई तक की मोहलत दी गई है।
बीईओ को विद्यालय गोद लेना है यह फरमान भी अधर में है। आदेश न मानने वाले बीईओ स्थानांतरण संशोधन व निरस्त कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इस पेशबंदी को शासनादेश एवं शासकीय आदेशों की अवहेलना के रूप में माना गया है। शासन ने ऐसे बीईओ पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा के अपर निदेशक विनय कुमार पांडेय ने सोमवार को आदेश जारी किया है कि जिन बीईओ ने नवीन तैनाती स्थलों पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है वह 26 जुलाई तक ज्वाइन करके निदेशालय को ई-मेल से अवगत करा दें अन्यथा उन पर सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन मानते हुए उप्र सरकारी सेवक नियमावली 1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
संशोधन व निरस्तीकरण प्रस्ताव वापस : नए मंडलों में तैनाती पाने वाले कई खंड शिक्षा अधिकारियों ने पहुंच के दम पर मंत्रियों एवं बड़े अफसरों से दबाव डलवाकर तबादला आदेश में संशोधन एवं निरस्तीकरण का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय से भिजवाया। शासन के सख्त निर्देश के कारण करीब आधा दर्जन फाइलें बैरंग लौट आई हैं। कहा गया है कि आदेश न मानने वालों का तबादला संशोधित या फिर निरस्त नहीं होगा और बिना आदेश के किसी का प्रस्ताव भेजा न जाए।
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बीईओ को विद्यालय गोद लेना है यह फरमान भी अधर में है। आदेश न मानने वाले बीईओ स्थानांतरण संशोधन व निरस्त कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इस पेशबंदी को शासनादेश एवं शासकीय आदेशों की अवहेलना के रूप में माना गया है। शासन ने ऐसे बीईओ पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा के अपर निदेशक विनय कुमार पांडेय ने सोमवार को आदेश जारी किया है कि जिन बीईओ ने नवीन तैनाती स्थलों पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है वह 26 जुलाई तक ज्वाइन करके निदेशालय को ई-मेल से अवगत करा दें अन्यथा उन पर सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन मानते हुए उप्र सरकारी सेवक नियमावली 1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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