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ट्रान्सफर आदेश न मानने वाले खंड शिक्षाधिकारी होंगे निलंबित

इलाहाबाद : एक मंडल में दस वर्षो से जमे खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) दूसरे मंडलों में नवीन तैनाती स्थलों पर नहीं जा रहे हैं। ऐसे बीईओ पर सख्त कार्रवाई करने के लिए शासन ने झंडी दे दी है। आदेश न मानने वाले बीईओ को 26 जुलाई तक की मोहलत दी गई है।

इसके बाद एक सप्ताह का नोटिस देकर अगस्त में निलंबन आदेश जारी होंगे। जिलाधिकारियों एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ई-मेल के जरिए निर्देश भेज दिए गए हैं। शासन ने इस बार भी वार्षिक स्थानांतरण नीति 2016-17 जारी की है। इसी नीति के अनुरूप शिक्षा विभाग में अपने सेवाकाल में मंडल में दस वर्ष की अवधि पूरी कर चुके प्रदेश भर में कार्यरत खंड शिक्षा अधिकारियों दूसरे मंडलों में नवीन तैनाती दी गई है।
सख्त निर्देशों के कारण सभी बीईओ को आदेश जारी होते ही कार्यमुक्त भी कर दिया गया, लेकिन वह नई तैनाती पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं। आदेश की अवमानना करने वाले बीईओ की संख्या करीब दो तिहाई है।  ज्ञात हो कि प्रदेश में 1031 खंड शिक्षा अधिकारियों के सापेक्ष करीब 850 अधिकारी तैनात हैं। उनमें से 98 का तबादला हुआ है, लेकिन 68 बीईओ ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इससे परिषदीय विद्यालयों का संचालन एवं पठन-पाठन के अलावा प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

बीईओ को विद्यालय गोद लेना है यह फरमान भी अधर में है। आदेश न मानने वाले बीईओ स्थानांतरण संशोधन व निरस्त कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इस पेशबंदी को शासनादेश एवं शासकीय आदेशों की अवहेलना के रूप में माना गया है। शासन ने ऐसे बीईओ पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

बेसिक शिक्षा के अपर निदेशक विनय कुमार पांडेय ने सोमवार को आदेश जारी किया है कि जिन बीईओ ने नवीन तैनाती स्थलों पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है वह 26 जुलाई तक ज्वाइन करके निदेशालय को ई-मेल से अवगत करा दें अन्यथा उन पर सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन मानते हुए उप्र सरकारी सेवक नियमावली 1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
सभी जिलाधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि तय समयावधि तक कार्यभार ग्रहण न करने वालों की सूचना ई-मेल पर उपलब्ध कराई जाए, ताकि कार्रवाई हो सके। तैयारी है कि नोटिस देने के बाद निलंबन होगा।

संशोधन व निरस्तीकरण प्रस्ताव वापस : नए मंडलों में तैनाती पाने वाले कई खंड शिक्षा अधिकारियों ने पहुंच के दम पर मंत्रियों एवं बड़े अफसरों से दबाव डलवाकर तबादला आदेश में संशोधन एवं निरस्तीकरण का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय से भिजवाया। शासन के सख्त निर्देश के कारण करीब आधा दर्जन फाइलें बैरंग लौट आई हैं। कहा गया है कि आदेश न मानने वालों का तबादला संशोधित या फिर निरस्त नहीं होगा और बिना आदेश के किसी का प्रस्ताव भेजा न जाए।
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