शिक्षकों के स्थानांतरण के आदेश भी दबा गए

जागरण संवाददाता, बरेली : बीएसए कार्यालय पर शिक्षकों और बाबूओं का वैसे भी छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है और इस बीच शिक्षकों के स्थानांतरण के आदेश का विवाद तूल पकड़ने लगा है। करीब तीस शिक्षकों ने विद्यालय स्थानातंरण के लिए शासन में आवेदन किया था।
अब उनके आदेश आए तो बीएसए कार्यालय की ओर से यह कह दिया गया कि उनके आदेश आए ही नहीं, जबकि प्रदेश के अन्य जिलों के स्थानांतरण के आदेश जारी हो चुके हैं। शिक्षक बीएसए कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि पैसे के लिए जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है।
स्थानांतरण संबंधी निर्णय अब सचिव बेसिक शिक्षा लेते हैं। जिले के तीस शिक्षकों ने आवेदन किया था। शाहजहांपुर, रामपुर समेत अन्य जिलों के स्थानांतरण के आदेश जारी हो गए। शिक्षकों ने लखनऊ में पता किया तो जानकारी मिली कि बरेली के भी आदेश जारी हो गए। जब शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर पता किया तो उनको बोल दिया गया कि अभी आदेश मिला नहीं। अब सारे शिक्षक बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उनका आरोप है कि पूरे प्रदेश के आदेश शासन से जारी हो गए, बरेली के ही आदेश बीएसए कार्यालय पर दबा दिए गए।
शिक्षामित्र संगठन के नेता दुष्यंत चौहान का कहना कि बीएसए कार्यालय पर शिक्षकों को आदेश जारी करने के एवज में पैसे मागे जा रहे हैं। इसलिए ही उनको आदेश जारी नहीं किए जा रहे। वहंी शिक्षक संगठन के नेता हरीश बाबू शर्मा ने कहा कि शिक्षक जरूरत पर स्थानांतरण मांगता है और बीएसए कार्यालय के बाबू पैसे के चक्कर में उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
स्थानांतरण के आदेश शासन से जारी होने हैं। हमे अभी कोई आदेश नहीं मिला। आदेश मिलते ही शिक्षकों को पत्र जारी कर दिया जाएगा।

-ऐश्वर्या लक्ष्मी यादव, बीएसए
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