राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : आहिस्ता-आहिस्ता शिक्षामित्रों के समायोजन की राह सुगम हो रही है। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने और अब उसी की लखनऊ खंडपीठ ने दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने को जायज
ठहराया है। इससे सुप्रीम कोर्ट में प्रशिक्षण को चुनौती देने वालों को अब और नए साक्ष्य एवं दलीलें खोजना पड़ेगा।
यही नहीं अब अधिकांश शिक्षामित्र शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होकर उसे उत्तीर्ण करने का जतन कर रहे हैं। यह बड़ा बदलाव सामने आ रहा है। 1शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत देते हुए उप्र बेसिक शिक्षा परिषद ने कहा है कि दूरस्थ शिक्षा के द्वारा बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी शिक्षा मित्र प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती में पात्र होंगे। परिषद की ओर से स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन 11 याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है, जिनमें प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती से शिक्षा मित्रों को अलग किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। इस आदेश से शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित हो चुके शिक्षकों एवं समायोजन की राह देखने वाले शिक्षामित्रों में खुशी की लहर है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का शिक्षक पद पर समायोजन रद कर दिया था, लेकिन उसके बाद दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण को लेकर हुई सुनवाई में इस प्रशिक्षण को कोर्ट ने सही ठहराया था। इसके बाद भी शिक्षामित्रों के समायोजन का विरोध करने वाले युवाओं ने प्रशिक्षण प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस प्रकरण की समायोजन मामले के साथ ही सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि सुनवाई 24 अगस्त को प्रस्तावित है। इसी बीच हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय से शिक्षामित्रों को बहुत राहत मिली है। इसी आधार पर वह अब सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी करेंगे। इसके पहले एनसीटीई भी इस प्रशिक्षण को जायज ठहरा चुका है। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा है कि शिक्षामित्र विभागीय निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। वह टीईटी पास करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि इससे 26 हजार अवशेष शिक्षामित्रों के समायोजन की भी राह खुलेगा।
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ठहराया है। इससे सुप्रीम कोर्ट में प्रशिक्षण को चुनौती देने वालों को अब और नए साक्ष्य एवं दलीलें खोजना पड़ेगा।
यही नहीं अब अधिकांश शिक्षामित्र शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होकर उसे उत्तीर्ण करने का जतन कर रहे हैं। यह बड़ा बदलाव सामने आ रहा है। 1शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत देते हुए उप्र बेसिक शिक्षा परिषद ने कहा है कि दूरस्थ शिक्षा के द्वारा बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी शिक्षा मित्र प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती में पात्र होंगे। परिषद की ओर से स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन 11 याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है, जिनमें प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती से शिक्षा मित्रों को अलग किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। इस आदेश से शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित हो चुके शिक्षकों एवं समायोजन की राह देखने वाले शिक्षामित्रों में खुशी की लहर है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का शिक्षक पद पर समायोजन रद कर दिया था, लेकिन उसके बाद दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण को लेकर हुई सुनवाई में इस प्रशिक्षण को कोर्ट ने सही ठहराया था। इसके बाद भी शिक्षामित्रों के समायोजन का विरोध करने वाले युवाओं ने प्रशिक्षण प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस प्रकरण की समायोजन मामले के साथ ही सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि सुनवाई 24 अगस्त को प्रस्तावित है। इसी बीच हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय से शिक्षामित्रों को बहुत राहत मिली है। इसी आधार पर वह अब सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी करेंगे। इसके पहले एनसीटीई भी इस प्रशिक्षण को जायज ठहरा चुका है। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा है कि शिक्षामित्र विभागीय निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। वह टीईटी पास करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि इससे 26 हजार अवशेष शिक्षामित्रों के समायोजन की भी राह खुलेगा।
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