उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी में चल रही वर्चस्व की लड़ाई अब चाचा-भतीजे से आगे बढ़कर पिता-पुत्र में बदलती प्रतीत हो रही है.
मंगलवार शाम को एकाएक सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाकर कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह को यह जिम्मेदारी सौंप दी. सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के हस्ताक्षरित पत्र में जानदारी दी गई कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश सपा का अध्यक्ष मनोनीत किया है.
मुलायम के यह फैसला लेने के पीछे सोमवार को भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्यमत्री द्वारा की गई दो मंत्रियों खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और पंचायतीराज मंत्री राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी को बड़ा कारण माना जा रहा है. ये दोनों मंत्री मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के करीबी माने जाते थे. मुलायम ने इस घटनाक्रम पर यह कहकर अपनी नाराजगी मीडिया के सामने जताई थी कि मैंने ही अखिलेश को मुख्यमंत्री तथा अन्य को मंत्री बनाया है. मुझे मंत्रियों की बर्खास्तगी के फैसले की कोई जानकारी नहीं है. जरूरी नहीं कि अखिलेश मुझसे पूछकर ही सारे फैसले करें.
इसके अलावा आज प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाए जाने से भी आग में घी पड़ा. सिंघल भी शिवपाल सिंह के करीबी माने जाते हैं. उनकी जगह प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर को नया मुख्य सचिव बनाया गया है. इसके बाद घटनाचक्र तेजी से घूमा और शाम को शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हो गई. इस सारे मामले में महत्वपूर्ण यह है कि सभी लोगों को घटनाक्रम की जानकारी मीडिया के जरिए मिली.
देर रात तक समाजवादी पार्टी में मचा घमासान उस वक्त सतह पर आ गया जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा और मंत्रिमंडल में नंबर दो पर शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए. शिवपाल सिंह यादव के पास अभी तक लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, बाढ़, सहकारिता, राजस्व, लोकसेवा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे. मुख्यमंत्री ने उनसे इन विभागों को लेकर केवल परती भूमि विकास विभाग उनके पास छोड़ा है. समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी उन्हें सौंपा गया है.
मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का अतिरिक्त प्रभार होमगार्ड मंत्री अवधेश प्रसाद को दे दिया जबकि राजस्व, लोकसेवा प्रबंधन और सहकारिता विभाग माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिया गया है. लोक निर्माण विभाग को मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिया है. इससे पहले सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी की ही नहीं सूबे की भी राजनीति गरम कर दी थी. शिवपाल ने सपा प्रमुख से यह तो स्पष्ट कर दिया है कि अब वह अखिलेश मंत्रिमंडल में काम नहीं कर सकते. यदि उनकी इच्छा हुई तो वह पार्टी में अपनी भूमिका निभाएंगे.
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मंगलवार शाम को एकाएक सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाकर कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह को यह जिम्मेदारी सौंप दी. सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के हस्ताक्षरित पत्र में जानदारी दी गई कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश सपा का अध्यक्ष मनोनीत किया है.
मुलायम के यह फैसला लेने के पीछे सोमवार को भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्यमत्री द्वारा की गई दो मंत्रियों खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और पंचायतीराज मंत्री राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी को बड़ा कारण माना जा रहा है. ये दोनों मंत्री मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के करीबी माने जाते थे. मुलायम ने इस घटनाक्रम पर यह कहकर अपनी नाराजगी मीडिया के सामने जताई थी कि मैंने ही अखिलेश को मुख्यमंत्री तथा अन्य को मंत्री बनाया है. मुझे मंत्रियों की बर्खास्तगी के फैसले की कोई जानकारी नहीं है. जरूरी नहीं कि अखिलेश मुझसे पूछकर ही सारे फैसले करें.
इसके अलावा आज प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाए जाने से भी आग में घी पड़ा. सिंघल भी शिवपाल सिंह के करीबी माने जाते हैं. उनकी जगह प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर को नया मुख्य सचिव बनाया गया है. इसके बाद घटनाचक्र तेजी से घूमा और शाम को शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हो गई. इस सारे मामले में महत्वपूर्ण यह है कि सभी लोगों को घटनाक्रम की जानकारी मीडिया के जरिए मिली.
देर रात तक समाजवादी पार्टी में मचा घमासान उस वक्त सतह पर आ गया जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा और मंत्रिमंडल में नंबर दो पर शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए. शिवपाल सिंह यादव के पास अभी तक लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, बाढ़, सहकारिता, राजस्व, लोकसेवा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे. मुख्यमंत्री ने उनसे इन विभागों को लेकर केवल परती भूमि विकास विभाग उनके पास छोड़ा है. समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी उन्हें सौंपा गया है.
मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का अतिरिक्त प्रभार होमगार्ड मंत्री अवधेश प्रसाद को दे दिया जबकि राजस्व, लोकसेवा प्रबंधन और सहकारिता विभाग माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिया गया है. लोक निर्माण विभाग को मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिया है. इससे पहले सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी की ही नहीं सूबे की भी राजनीति गरम कर दी थी. शिवपाल ने सपा प्रमुख से यह तो स्पष्ट कर दिया है कि अब वह अखिलेश मंत्रिमंडल में काम नहीं कर सकते. यदि उनकी इच्छा हुई तो वह पार्टी में अपनी भूमिका निभाएंगे.
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