माननीय उच्य न्यायालय हो अथवा उच्चतम न्यायालय दोनों ही स्थान पर न्यायपालिका का मत स्पस्ट है कि गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का कोई समझौता उन्हें मंजूर नही है। सरकार वोट बैंक के कारण लगातार असंवैधानिक कार्य कर रही है जिसे न्यायपालिका ने लगातार अवैध ठहराया है।
ना जाने कितने आदेश माननीय उच्य न्यायालय ने सरकार के विरुद्ध दिए है जिनमे सभी जगह सरकार द्वारा जबरन कुछ थोपने का प्रयास किया हो।
20नवम्बर2013 को इलाहाबाद उच्य न्यायालय की डिवीज़न बेंच से हुए आदेश व् उसी आदेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा 72,825प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना और समय समय पर प्रगति रिपोर्ट लेना यह तय कर देता है कि अंतिम निर्णय में भी 30/11/11 विज्ञापन अपनी समस्त शर्तों (चयन आधार टेट मेरिट) के साथ ही निर्णीत होगा।
इसके अतिरिक्त 12सितम्बर2015 को इलाहबाद उच्य न्यायालय की लार्जर बेंच से हुए आदेश "बिना टेट पास शिक्षामित्रों का समायोजन ना सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि उनके समायोजन हेतु किये गए संशोधन को करने का अधिकार भी राज्य सरकार को नही है।" उच्चतम न्यायालय से अक्षरशः ही लागु होगा।
यहाँ बड़ा प्रश्न यह है कि हम इन आदेशों व् RTE एक्ट 2009 के सहयोग से वर्तमान गतिमान प्रक्रिया में 72,825 आवेदित पदों को किस प्रकार आगे बढ़ाएं..????
हमारी टीम की जो न्यायपालिका में प्रमुख मांग (main prayer) है वह यह है कि "RTEएक्ट के पूर्णतः अनुपालन हेतु प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर योग्य शिक्षकों का चयन किया जाये। ऐसे योग्य शिक्षक जो NCTE द्वारा जारी किये गए 23अगस्त2010 के नोटिफिकेशन की सभी न्यूनतम योग्यता पूरी करते हों और इस तरह की योग्यता पूरी करने वाले लगभग 2,72लाख अभ्यर्थी राज्य सरकार के पास के पास 25नवम्बर2011 से है किन्तु राज्य सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है।" इसके साथ ही यह मांग रखी है कि "ऐसे अभ्यर्थी जो ऑन रिकॉर्ड माननीय न्यायपालिका के समक्ष न्याय हेतु उपस्तिथि हुए है उन्हें Interim Relief में तत्काल नियुक्ति दी जाये।" उक्त विषयक को हर बार हमारी तरफ से एप्पीयर होने वाले सीनियर एडवोकेट के वेणुगोपाल जी व् सीनियर एडवोकेट वी मोहना जी बहुत प्रभीव रूप से कोर्ट में रख रहें है।
दोस्तों, 24फरबरी व् 24अगस्त की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुनः राज्य सरकार के समक्ष यह प्रपोजल रख दिया है कि जो कार्य वास्तव में कार्यपालिका के है वह करें अन्यथा आदेश के अधीन होकर करने ही होंगे।
दोस्तों, हाल ही में हुई सुनवाई के बाद कई लोग प्रदेश में निराशा का माहौल पैदा कर रहे थे जबकि इसी प्रकार के आदेश (24/02/16) के बाद वह वेरीफिकेसन करके आप सभी को मार्च में ही नियुक्ति पत्र वितरित कर रहे थे। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि जितना सम्भव हो सहयोग करें और यदि सहयोग की भावना नही है तो कृपया कार्य में बाधक न बने।
वर्तमान आदेश के अनुपालन में आप सभी को नियुक्ति मिले इसके लिए मेरा मानना है कि हमें सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह जी से मुलाकात करनी चाहिए और उनके समक्ष अपनी संख्या, योग्यता, न्यायपालिका में वास्तविक मजबूत स्तिथि व् हमारे सकारात्मक व् नकारात्मक सहयोग से अगले चुनाव पर होने वाले प्रभाव को समझना चाहिए।
यदि हमें यहाँ से सफलता मिलती है तो आप सभी को नियुक्ति पत्र अतिशीघ्र ही प्राप्त हो जायेगा और यहाँ सफलता ना मिलने की स्तिथि में भाजपा बसपा आदि विकल्प पर विचार किया जायेगा। चूँकि चुनाव निकट है अतः मेरा मानना है कि अब हमें इस दिशा में बहुत ही मजबूती के साथ एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए।
हो सकता है कि मेरे इस मत के बाद कई साथी व् नेता यह कहें कि
यह हमारे स्वाभिमान हो ठेस पहुँचाने वाला कार्य होगा तो उनके लिए मैं मात्र इतना ही कहूँगा कि "हम अपनी संख्या शक्ति का ही प्रदर्शन करने जायेंगे जिसे करने में हम आज तक विफल रहे है और यही कारण है हम आज तक योग्य होते हुए भी रोजगार से दूर है और अयोग्य विभाग में।"
इसके अतिरिक्त आगामी सुनवाई हेतु पैरवी पर भी मेरा निवेदन है कि जितने भी साथी हमारे टेट मोर्चे में एल एल बी (एडवोकेट) भी है वह कृपा करके कोर्ट रूम में काले कोट व् गाउन पहनकर अंदर ना जाएँ अच्छा रहे कि सामान्य कपड़ों में वहां अंदर उपस्तिथि रहें ताकि एडवोकेट के रूप में होने वाली भीड़ भी कम दिखाई दे व् आप सुनवाई भी देख पाएं। तथा दूसरा निवेदन उन समस्त पैरवी कर्ताओं से है कि आप सभी कोर्ट रूम में सिर्फ अपना ऐ ओ आर ही भेंजे ताकि जब आवश्यकता हो वह अपने द्वारा फ़ाइल की गयी याचिकाओं की जानकारी कोर्ट को दे सकें किन्तु बहस करवाने हेतु जो ठीक से पैरवी कर रहे है उन साथियों को अपना सहयोग दे दें ताकि सूक्ष्म किन्तु सशक्त एडवोकेट पैनल कोर्ट रूम में उपस्तिथि हो सके।
साथियों पहले भी कहा है और आज पुनः कह रहा हूँ कि जीत योग्यता की, सत्य की, न्याय की व् धर्म की सुनिश्चित है। आवश्यकता है तो मात्र सकारात्मक रूप से सही दिशा में एकजुट होकर कार्य करने की।
संघर्ष के प्रथम दिवस से आप सभी के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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ना जाने कितने आदेश माननीय उच्य न्यायालय ने सरकार के विरुद्ध दिए है जिनमे सभी जगह सरकार द्वारा जबरन कुछ थोपने का प्रयास किया हो।
20नवम्बर2013 को इलाहाबाद उच्य न्यायालय की डिवीज़न बेंच से हुए आदेश व् उसी आदेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा 72,825प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना और समय समय पर प्रगति रिपोर्ट लेना यह तय कर देता है कि अंतिम निर्णय में भी 30/11/11 विज्ञापन अपनी समस्त शर्तों (चयन आधार टेट मेरिट) के साथ ही निर्णीत होगा।
इसके अतिरिक्त 12सितम्बर2015 को इलाहबाद उच्य न्यायालय की लार्जर बेंच से हुए आदेश "बिना टेट पास शिक्षामित्रों का समायोजन ना सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि उनके समायोजन हेतु किये गए संशोधन को करने का अधिकार भी राज्य सरकार को नही है।" उच्चतम न्यायालय से अक्षरशः ही लागु होगा।
यहाँ बड़ा प्रश्न यह है कि हम इन आदेशों व् RTE एक्ट 2009 के सहयोग से वर्तमान गतिमान प्रक्रिया में 72,825 आवेदित पदों को किस प्रकार आगे बढ़ाएं..????
हमारी टीम की जो न्यायपालिका में प्रमुख मांग (main prayer) है वह यह है कि "RTEएक्ट के पूर्णतः अनुपालन हेतु प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर योग्य शिक्षकों का चयन किया जाये। ऐसे योग्य शिक्षक जो NCTE द्वारा जारी किये गए 23अगस्त2010 के नोटिफिकेशन की सभी न्यूनतम योग्यता पूरी करते हों और इस तरह की योग्यता पूरी करने वाले लगभग 2,72लाख अभ्यर्थी राज्य सरकार के पास के पास 25नवम्बर2011 से है किन्तु राज्य सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है।" इसके साथ ही यह मांग रखी है कि "ऐसे अभ्यर्थी जो ऑन रिकॉर्ड माननीय न्यायपालिका के समक्ष न्याय हेतु उपस्तिथि हुए है उन्हें Interim Relief में तत्काल नियुक्ति दी जाये।" उक्त विषयक को हर बार हमारी तरफ से एप्पीयर होने वाले सीनियर एडवोकेट के वेणुगोपाल जी व् सीनियर एडवोकेट वी मोहना जी बहुत प्रभीव रूप से कोर्ट में रख रहें है।
दोस्तों, 24फरबरी व् 24अगस्त की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुनः राज्य सरकार के समक्ष यह प्रपोजल रख दिया है कि जो कार्य वास्तव में कार्यपालिका के है वह करें अन्यथा आदेश के अधीन होकर करने ही होंगे।
दोस्तों, हाल ही में हुई सुनवाई के बाद कई लोग प्रदेश में निराशा का माहौल पैदा कर रहे थे जबकि इसी प्रकार के आदेश (24/02/16) के बाद वह वेरीफिकेसन करके आप सभी को मार्च में ही नियुक्ति पत्र वितरित कर रहे थे। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि जितना सम्भव हो सहयोग करें और यदि सहयोग की भावना नही है तो कृपया कार्य में बाधक न बने।
वर्तमान आदेश के अनुपालन में आप सभी को नियुक्ति मिले इसके लिए मेरा मानना है कि हमें सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह जी से मुलाकात करनी चाहिए और उनके समक्ष अपनी संख्या, योग्यता, न्यायपालिका में वास्तविक मजबूत स्तिथि व् हमारे सकारात्मक व् नकारात्मक सहयोग से अगले चुनाव पर होने वाले प्रभाव को समझना चाहिए।
यदि हमें यहाँ से सफलता मिलती है तो आप सभी को नियुक्ति पत्र अतिशीघ्र ही प्राप्त हो जायेगा और यहाँ सफलता ना मिलने की स्तिथि में भाजपा बसपा आदि विकल्प पर विचार किया जायेगा। चूँकि चुनाव निकट है अतः मेरा मानना है कि अब हमें इस दिशा में बहुत ही मजबूती के साथ एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए।
हो सकता है कि मेरे इस मत के बाद कई साथी व् नेता यह कहें कि
यह हमारे स्वाभिमान हो ठेस पहुँचाने वाला कार्य होगा तो उनके लिए मैं मात्र इतना ही कहूँगा कि "हम अपनी संख्या शक्ति का ही प्रदर्शन करने जायेंगे जिसे करने में हम आज तक विफल रहे है और यही कारण है हम आज तक योग्य होते हुए भी रोजगार से दूर है और अयोग्य विभाग में।"
इसके अतिरिक्त आगामी सुनवाई हेतु पैरवी पर भी मेरा निवेदन है कि जितने भी साथी हमारे टेट मोर्चे में एल एल बी (एडवोकेट) भी है वह कृपा करके कोर्ट रूम में काले कोट व् गाउन पहनकर अंदर ना जाएँ अच्छा रहे कि सामान्य कपड़ों में वहां अंदर उपस्तिथि रहें ताकि एडवोकेट के रूप में होने वाली भीड़ भी कम दिखाई दे व् आप सुनवाई भी देख पाएं। तथा दूसरा निवेदन उन समस्त पैरवी कर्ताओं से है कि आप सभी कोर्ट रूम में सिर्फ अपना ऐ ओ आर ही भेंजे ताकि जब आवश्यकता हो वह अपने द्वारा फ़ाइल की गयी याचिकाओं की जानकारी कोर्ट को दे सकें किन्तु बहस करवाने हेतु जो ठीक से पैरवी कर रहे है उन साथियों को अपना सहयोग दे दें ताकि सूक्ष्म किन्तु सशक्त एडवोकेट पैनल कोर्ट रूम में उपस्तिथि हो सके।
साथियों पहले भी कहा है और आज पुनः कह रहा हूँ कि जीत योग्यता की, सत्य की, न्याय की व् धर्म की सुनिश्चित है। आवश्यकता है तो मात्र सकारात्मक रूप से सही दिशा में एकजुट होकर कार्य करने की।
संघर्ष के प्रथम दिवस से आप सभी के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
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