निर्भया कांड के बाद हुई सामाजिक क्रांति के बाद हम सोच रहे थे कि समाज में महिलाएं सुरक्षित हो जाएंगी। महिलाओं के प्रति अपराधों के लिए कानून भी कड़े किए गए लेकिन कुछ भी तो नहीं बदला। आंकड़ों पर गौर करें तो हालात काफी भयावह नजर आते हैं।
निर्भया बलात्कार कांड के दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बावजूद हवस के दरिन्दों को कोई खौफ नहीं। वास्तविकता तो यह है कि हम सभ्य और लोकतांत्रिक समाज में जीते जरूर हैं लेकिन असल में हम आदिम समाज की फूहड़ता, जड़ता, मूल्यहीनता और चारित्रिक दुर्बलता से उबर नहीं पाए हैं।
अब समय आ गया है कि बेटियां असुरक्षित क्यों हैं, शोषित और अपमानित क्यों हैं? हम अपने बच्चों को किस तरह के संस्कार दे रहे हैं,यह सोचने का। यह भी सोचने का विषय है कि पुरुष असहिष्णु, क्रूर और कुकर्मी क्यों बन रहे हैं। क्योंकि यदि पुरुषों में सहिष्णु मर्यादा, विवेक और सदाचार होगा तो नारी की सुरक्षा, उसका सम्मान, उसके अधिकार सब अपने आप उसके अपने हो जाएंगे। घर की चारदीवारी और घर से बाहर उसका शोषण समाप्त हो जाएगा। समाज को समझना होगा कि बेटियों की आबरू की रक्षा की जिम्मेदारी जितनी सरकार की है उससे ज्यादा समाज की है। अगर गुरु, शिक्षक ही नरपिशाच हो जाएंगे तो फिर स्कूलों में बच्चियां सुरक्षित कैसे रहेंगी। समाज की मानसिकता समाज ही बदल सकता है।
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निर्भया बलात्कार कांड के दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बावजूद हवस के दरिन्दों को कोई खौफ नहीं। वास्तविकता तो यह है कि हम सभ्य और लोकतांत्रिक समाज में जीते जरूर हैं लेकिन असल में हम आदिम समाज की फूहड़ता, जड़ता, मूल्यहीनता और चारित्रिक दुर्बलता से उबर नहीं पाए हैं।
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अब समय आ गया है कि बेटियां असुरक्षित क्यों हैं, शोषित और अपमानित क्यों हैं? हम अपने बच्चों को किस तरह के संस्कार दे रहे हैं,यह सोचने का। यह भी सोचने का विषय है कि पुरुष असहिष्णु, क्रूर और कुकर्मी क्यों बन रहे हैं। क्योंकि यदि पुरुषों में सहिष्णु मर्यादा, विवेक और सदाचार होगा तो नारी की सुरक्षा, उसका सम्मान, उसके अधिकार सब अपने आप उसके अपने हो जाएंगे। घर की चारदीवारी और घर से बाहर उसका शोषण समाप्त हो जाएगा। समाज को समझना होगा कि बेटियों की आबरू की रक्षा की जिम्मेदारी जितनी सरकार की है उससे ज्यादा समाज की है। अगर गुरु, शिक्षक ही नरपिशाच हो जाएंगे तो फिर स्कूलों में बच्चियां सुरक्षित कैसे रहेंगी। समाज की मानसिकता समाज ही बदल सकता है।
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