राज्य ब्यूरो, लखनऊ: प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों का लाभ दीपावली के आसपास तक देने के लिए राज्य सरकार ने तेजी तो की थी किंतु वह दीपावली के बाद भी प्रभावी साबित होती नहीं दिख रही है।
माना जा रहा है कि कर्मचारियों को नए साल में ही सातवें वेतनमान का लाभ मिल पाएगा।
अब तक प्रारंभिक संस्तुतियां भी न तैयार हो पाने के कारण दीपावली के आसपास ही नहीं, पूरे नवंबर में भी कर्मचारियों को इसका लाभ मिल पाने की उम्मीद नहीं लग रही है। स्वयं समीक्षा समिति के अध्यक्ष ने 15 नवंबर तक प्रारंभिक रिपोर्ट देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उनका कहना है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट देने की कोशिश हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद भी इसे लागू करने की प्रक्रिया खासी लंबी है। नवंबर के अंत तक यदि प्रारंभिक रिपोर्ट मिल भी गई तो उस पर अमल का फामरूला तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा। कैबिनेट से पास होने के बाद दिसंबर में यदि अमल की घोषणा भी हुई तो जनवरी से पहले कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतन नहीं मिल पाएगा। इस बीच चुनाव की घोषणा होने की स्थिति में भत्तों आदि से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट बाद में आएगी, जिस पर नई सरकार ही फैसला लेगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पिछले दिनों दो फीसद महंगाई भत्ता (डीए) मिल चुका है। राज्य कर्मचारियों को वह भत्ता भी नहीं मिल पा रहा है। दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू होने के साथ ही उन्हें मिल रहा 125 फीसद महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन में जोड़ दिया गया था। ऐसे में उन्हें मिला दो फीसद महंगाई भत्ता छठे वेतनमान के फामरूले के हिसाब से पांच फीसद से ऊपर बैठता है। उत्तर प्रदेश के मामले में अधिकारी अभी इस पर फैसला नहीं कर पा रहे हैं।
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अब तक प्रारंभिक संस्तुतियां भी न तैयार हो पाने के कारण दीपावली के आसपास ही नहीं, पूरे नवंबर में भी कर्मचारियों को इसका लाभ मिल पाने की उम्मीद नहीं लग रही है। स्वयं समीक्षा समिति के अध्यक्ष ने 15 नवंबर तक प्रारंभिक रिपोर्ट देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उनका कहना है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट देने की कोशिश हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद भी इसे लागू करने की प्रक्रिया खासी लंबी है। नवंबर के अंत तक यदि प्रारंभिक रिपोर्ट मिल भी गई तो उस पर अमल का फामरूला तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा। कैबिनेट से पास होने के बाद दिसंबर में यदि अमल की घोषणा भी हुई तो जनवरी से पहले कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुरूप वेतन नहीं मिल पाएगा। इस बीच चुनाव की घोषणा होने की स्थिति में भत्तों आदि से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट बाद में आएगी, जिस पर नई सरकार ही फैसला लेगी।
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केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पिछले दिनों दो फीसद महंगाई भत्ता (डीए) मिल चुका है। राज्य कर्मचारियों को वह भत्ता भी नहीं मिल पा रहा है। दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू होने के साथ ही उन्हें मिल रहा 125 फीसद महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन में जोड़ दिया गया था। ऐसे में उन्हें मिला दो फीसद महंगाई भत्ता छठे वेतनमान के फामरूले के हिसाब से पांच फीसद से ऊपर बैठता है। उत्तर प्रदेश के मामले में अधिकारी अभी इस पर फैसला नहीं कर पा रहे हैं।
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