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72825 के तथाकथित नेता सिर्फ व्यापारी है...........विनय कुमार श्रीवास्तव

आज के परिदृश में नेता शब्द एक गाली के समान लोगों को लगने लगा है , कारण भी स्पष्ट है....


यॆ शब्द जैसे ही किसी के साथ चिपकता है उस व्यक्ति के व्यक्तित्व ,उसकी सोच- मानसिकता ,उसकी नीति व नियत में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आ जाता ,
साथ ही अपने आर्थिक ढाँचे को विस्तॄत और सुदृढ़ करने के लिये अपनों के साथ छल -कपट करने ,धोखा देने से भी गुरेज नहीँ करता (शायद इस शब्द को धारण करने की पहली और अनिवार्य शर्त भी यही है )
कभी हुआ करते थे नेता ,जो लोगों का दुख दर्द कम करने के लिये तन मन धन से लोगों का साथ देते थे ,
किन्तु आज के नेता..... लोमड़ियों को भी मात दे रहे !
यॆ ढोंगी, नेता नहीँ सिर्फ व्यापारी है ,जो सिर्फ अपना माल (झूठे वादे और सपने )बेंच कर अपनी तिजोरी भर रहे....
नोट : उदाहरण के लिये 72825 के तथाकथित नेताओं को देखा जा सकता है ,जो की अपनी कार्यशैली ,आचार - व्यवहार ,धोखेबाजी ,और सपने बेचने की कला में 65 सालों से इस छेत्र में पैर जमाये कुर्ताधारियों को भी धूल चटा दिये हैं....
विनय कुमार श्रीवास्तव
अधिवक्ता उच्च न्यायालय
7068515001
9305216470
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